जिला को-ऑपरेटिव सोसायटी दुकान नंबर 28 के संचालक ने हितग्राहियों को बांटा मिट्टी-कंकड़ मिला राशन
जबलपुर। एक दिव्यांग महिला जो चल पाने में असमर्थ है, शनिवार की दोपहर ट्राइसाइकिल में अनाज रखकर कलेक्ट्रेट पहुंची तो उसे कलेक्टर देखते ही रह गए। उचित मूल्य की दुकान से मिले राशन को दिखाते हुए प्रभारी कलेक्टर को महिला ने हकीकत बताई तो वे कुछ समय के लिए सोचने विवश हो गए कि, ये सब क्या हो रहा है? मामला यह था कि उस दिव्यांग महिला को सेल्समैन ने जो अनाज दिया है इंसान तो क्या, शायद उसे मवेशी भी न खाएं। इस गड़बड़ी पर प्रभारी कलेक्टर ने तत्काल मौके पर खाद्य विभाग की टीम को रवाना किया और स्वयं औचक निरीक्षण पर पहुंच गए। जहां पर पाया कि उपभोक्ताओं को गड़बड़ आनाज दिया जा रहा है। इस पर फटकार लगाते हुए खाद्य अधिकारी को जांच के आदेश दिए हैं।
यह है मामला
जिला को-ऑपरेटिव सोसायटी के माध्यम से शहर में उचित मूल्य पर हितग्राहियों को राशन वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। शनिवार को शबनम बाई दुकान नंबर 28 पर राशन लेने पहुंची। उसे राशन तो मिला, लेकिन इतना घटिया राशन मिला कि वह खाने लायक ही नही था। उसने दुकान संचालक से काफी देर तक मिन्नतें करती रही कि उसे यह अनाज न दिया जाए, बहुत खराब है और वह इसे साफ कर पाने में असमर्थ है। कोटेदार ने एक नहीं सुनी।
अनाज लेकर पहुंची कलेक्ट्रेट
जब दिव्यांग महिला की बात को सेल्समैन ने अनसुना कर दिया तो उसने ट्राइसाइकल में गेहूं की बोरी को रखा और सीधे पहुंच गई कलेक्टर के पास। प्रभारी कलेक्टर केपी राई को गेहूं दिखाया, जिसमें आधे से ज्यादा मिट्टी, कंकड़ व कचरा मिला हुआ था। शबनम ने कहा साहब! ऐसे अनाज का हम क्या करेंगे। कोटेदार सुनने को तैयार नहीं।
तत्काल भेजी टीम
दिव्यांग महिला की शिकायत पर प्रभारी कलेक्टर ने खाद्य विभाग की टीम को तत्काल जांच के लिए रवाना किया। कुछ समय पश्चात खुद ही मौके पर औचक निरीक्षण करने पहुंच गए। कलेक्टर ने पाया कि दुकान में गड़बड़ी की जा रही है। यहां पर उपभोक्ताओं को खराब राशन दिया जा रहा है। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए खाद्य अधिकारी को मामले की जांच करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।