घटना के संबंध में प्राप्त जानकारी के अऩुसार, बेटे के हत्यारोपी पिता गज्जूलाल का बेटा निलेश 10 साल पहले ही घर छोड़ कर कहीं चला गया था। वह लौटा तो घर में खुशियां लौटीं। लेकिन कुछ ही दिनों बाद जब बेटा चरगवां की एक युवती को विवाह के घर ले आया तो पिता-पुत्र के बीच संपत्ति को लेकर विवाद शुरू हो गया। बेटा लगातार संपत्ति के बंटवारे को दबाव बनाने लगा। एक दिन उसने पिता पर अनुचित आरोप लगाते हुए झगड़ा शुरू कर दिया। इस पर क्रोधित पिता ने आंगन में पड़ा पटिया बेटे निलेश के सिर पर दे मारा। पटिया लगते ही निलेश जमीन पर गिरा और अचेत हो गया। कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। कोर्ट ने सभी तथ्यों को जानने के बाद पिता गज्जूलाल को जमानत से इंकार कर दिया।
एक अन्य मामले में अपर सत्र न्यायाधीश जय सिंह सरौते की अदालत ने रोशनी बाई नामक युवती की हत्या के आरोपी नेहरू नगर, जबलपुर निवासी रामकिशोर की जमानत अर्जी खारिज कर दी। अभियोजन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक मनोज कुमार साहू ने जमानत अर्जी का विरोध किया। उन्होंने दलील दी कि आवेदक ने न केवल हत्या को अंजाम दिया बल्कि शव को झाड़ी में भी छिपाया। इस तरह साक्ष्य नष्ट करने का अतिरिक्त अपराध किया।
बरगी पुलिस ने धारा 302 का प्रकरण कायम किया है। जमानत मिलने पर आरोपित साक्ष्यों को प्रभावित कर सकता है। अदालत ने तर्क से सहमत होकर अर्जी खरिज कर दी। इससे पूर्व बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने जमानत दिए जाने को लेकर मोबाइल आवेदक के नाम दर्ज न होने सहित अन्य दलीलें रखीं। कोर्ट ने तर्कों से सहमत न होकर झटका दिया। अभियोजन अपनी बात प्रभावी तरीके से रखने में सफल रहा।