कैग ने फर्जीवाड़े का खुलासा किया
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 24.25 लाख रुपए का लोन स्वीकृत करने वाले फाइनेंस कम्पनी के दो पूर्व कर्मी और लोन लेने वाले दो लोगों पर शुक्रवार को गोरखपुर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया। कैग ने फर्जीवाड़े का खुलासा किया था। कम्पनी के शाखा प्रबंधक ने प्रकरण दर्ज कराया। पुलिस के अनुसार वर्ष 2013 में अमित खरे व अंकित गुप्ता सेंट फायनेंस कंपनी जबलपुर शाखा में कार्यरत थे। दोनों ने फर्जीवाड़ा कर कम्पनी को आर्थिक हानि पहुंचाई। 26 सितम्बर 2013 को राहुल जैन और राजकुमारी जैन को 24.25 लाख का आवास ऋण अमित खरे ने स्वीकृत किया था। अंकित गुप्ता ने दस्तावेजों और सम्पत्ति की जांच की थी।
फायनेंस कम्पनी ने आंतरिक जांच कराई थी
सीएजी की जांच रिपोर्ट में इस खाते के संबंध में अनियमितता की जानकारी सामने आने के बाद फायनेंस कम्पनी ने आंतरिक जांच कराई थी। राहुल जैन व राजकुमारी जैन ने खुद को मप्र राज्य विद्युत मंडल का कर्मचारी बताया था। 13 नवम्बर 2017 को कमेटी की जांच में दस्तावेज फर्जी मिले। पुलिस ने राहुल जैन, राजकुमार जैन सहित दोनों पूर्व फायनेंस कर्मी अमित व अंकित के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया है।