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इतनी चिल्लर की बैंकों के स्टोर फुल

locationजबलपुरPublished: Jul 26, 2019 12:17:28 am

Submitted by:

gyani rajak

शहर में दस करोड़ से ज्यादा के सिक्के चलन में, लेनदेन में आनाकानी करते हैं लोग
 
 
 

शहर में एक और दो रुपए के सिक्कों के लेनदेन में आनाकानी बढ़ती जा रही है। आम आदमी हो या बैंक, सिक्कों की मात्रा अधिक होने पर लेने से इनकार कर देते हैं।

शहर में एक और दो रुपए के सिक्कों के लेनदेन में आनाकानी बढ़ती जा रही है। आम आदमी हो या बैंक, सिक्कों की मात्रा अधिक होने पर लेने से इनकार कर देते हैं।

जबलपुर. शहर में एक और दो रुपए के सिक्कों के लेनदेन में आनाकानी बढ़ती जा रही है। आम आदमी हो या बैंक, सिक्कों की मात्रा अधिक होने पर लेने से इनकार कर देते हैं। इससे कई बार विवाद की स्थिति भी बनती है। एक अनुमान के मुताबिक बैंक, कारोबारी और आम आदमी के पास 10 करोड़ रुपए से ज्यादा के सिक्के हैं।
वर्तमान में एक, दो, पांच और दस रुपए के सिक्के ज्यादा मात्रा में चलन में हैं। लोग पांच और दस रुपए के सिक्के तो ले लेते हैं, लेकिन इससे कम मूल्य के सिक्कों को देखते ही मुंह मोड़ लेते हैं। छोटे सिक्कों की संख्या अधिक होने पर बैंक भी लेने से मना कर देते हैं।
दोगुना जमा हो जाते हैं सिक्के

सिक्कों के मामले में वर्तमान में बैंकों के स्टोर फुल हैं। बैंक के अधिकारियों ने बताया कि जितनी संख्या में सिक्के जारी होते हैं, उससे दोगुना जमा हो जाते हैं। स्थिति यह है कि बैंक में सिक्के रखने के स्टोर फुल हो गए हैं। शहर में कई व्यापारी ऐसे हैं जिनके पास 50 हजार से एक लाख रुपए तक की चिल्लर जमा है।
इन जगहों पर चलन

– पान-गुटखाा दुकान, स्टेशनरी शॉप, फोटोकॉपी, जनरल स्टोर।

ये है स्थिति

– पांच-छह महीनें में एसबीआई के पास आते हैं दो करोड़ के सिक्के।
– दूसरे बैंकों की चेस्ट ब्रांच में 50 लाख से एक करोड़ के सिक्के की सप्लाई
– सभी बैंकों की शाखाओं में वर्तमान में 4-5 करोड़ रुपए की चिल्लर जमा है।
– पांच करोड़ की चिल्लर का अनुमान कारोबारी और आम आदमी के पास

हम एक या दो रुपए के सिक्के ले लेते हैं लेकिन ग्राहक आनाकानी करते हैं। ऐसे में विवाद की स्थिति बनती है। भारतीय मुद्रा चलन में है तो इसे लेने से इनकार नहीं करना चाहिए।
कपिल गुप्ता, व्यापारी
कई जगहों पर सिक्के लेने से मना कर दिया जाता है। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। वह पांच और दस रुपए के सिक्के तो ले लेते हैं लेकिन ज्यादा समस्या छोटे सिक्कों को लेकर है।
राकेश पिल्ले, ग्राहक

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