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रहें सावधान, कोरोना के अलावा अब इन बीमारियों का भी खतरा

locationजबलपुरPublished: Jun 27, 2020 06:12:54 pm

– शहर के अस्पतालों की ओपीडी में बारिश के साथ बढऩे लगे मरीज, दूषित पानी और गंदगी कर रही बीमार

Be careful, apart from Corona, now there is a risk of these diseases

Be careful, apart from Corona, now there is a risk of these diseases

जबलपुर. मानूसन ने भले बारिश से शहर को अच्छे से अभी तक न भिंगोया हो लेकिन दूषित जल और गंदगी से लोग बीमार पडऩा शुरु हो गए है। निचली बस्तियों में डायरिया, पीलिया और टायफाइड के पीडि़त मिलने लगे है। शहर के अस्पतालों की ओपीडी में जांच के लिए प्रतिदिन दो से ज्यादा लोग उल्टी-दस्त की शिकायत लेकर आ रहे है। जांच में 70 से ज्यादा मरीज डायरिया, पीलिया के पीडि़त मिल रहे है। फीवर क्लीनिक्स में बुखार की शिकायत लेकर आ रहे मरीजों में टायफाइड के कुछ मरीज भी मिले है। उल्टी-दस्त और वायरल इन्फेक् शन के साथ मच्छरजनित बीमारियों को लेकर भी खतरा बढ़ गया है। घरों के आसपास बारिश का पानी एकत्रित होने और लार्वा पनपने से डेंगू, चिकुनगुनिया सिर उठा सकता है। हालांकि मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। मलेरिया विभाग की ओर से एक महीने में शहर में संदिग्धों की कराई गई जांच में कोई भी मलेरिया और डेंगू का केस नहीं मिला है। लार्वा मिलने से बढ़ी चिंता- मच्छरजनित बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए मलेरिया विभाग की टीम सक्रिय है। लगातार संदिग्धों के रक्त की स्लाइड बनाकर जांच कराई जा रही है। जिले में लार्वा सर्चिंग के लिए भी टीम लगाई गई है। टीमों को सर्चिंग के दौरान सघन आबादी वाले संवदेनशील कुछ इलाकों में घर-घर सर्वे में लार्वा मिले है। यहां लोगों के घरों में स्टॉक किए गए पानी और आसपास एकत्रित गंदे पानी में लार्वा मिलने से विभाग की चिंता बढ़ गई है। लार्वा के तेजी से पनपने से हालत बिगड़ सकते है। इसके बाद पूर्व में जिन जगहों पर मच्छरजनित रोग फैले थे वहां सर्चिंग पर जोर दिया जा रहा है। पहली बार लार्वा मिलने पर उसे नष्ट किया जा रहा है। दोबारा मिलने पर जुर्माना की कार्रवाई की तैयारी है। खुले में बरसाती पानी और कई दिन स्टॉक किए गए पानी में मच्छर का लार्वा जल्दी पनपता है।
वार्डों में बढ़ाई गई व्यवस्था-
उल्टी-दस्त सहित अन्य मौसमी बीमारियों से पीडि़त मरीजों के आने सिलसिला शुरु होने के साथ ही मेडिकल कॉलेज, विक्टोरिया अस्पताल में वार्ड की व्यवस्थाएं बेहतर की जा रही है। अतिरिक्त सुविधाएं जुटाई जा रही है। ताकि मरीज बढऩे पर बिस्तर कम न हो। विशेषज्ञों के अनुसार मौसमी बीमारियों के पीडि़त में बच्चे से बूढें तक शामिल है। उल्टी-दस्त और टायफाइड एवं पीलिया के लक्षण पर उपचार में देरी से नुकसान की आशंका रहती है। अभी बच्चों में ज्यादा शिकायत मिल रही है। इसलिए मेडिसिन वार्ड के साथ ही बच्चा वार्ड में भी भर्ती मरीजों होने वाले मरीज बढ़ रहे है। कोरोना संक्रमण के बीच मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए सावधानी नहीं बरतना घातक हो सकता है।
दूषित जल, खानपान से… – डायरिया : बार-बार दस्त होना। पेट के निचले हिस्से में दर्द। कमजोरी। – पीलिया : त्वचा से लेकर आंख, नाखून, पेशाब का रंग पीला होना। – टायफाइड : तेज बुखार, शरीर में दर्द, भूख ना लगाना। कमजोरी। ————- मच्छरजनित… – मलेरिया : ठंड लेकर तेज बुखार आना – डेंगू : बुखार, दर्द, प्लेटलेट्स में गिरावट -चिकुनगुनिया : बुखार, हाथ-पैर व सिरदर्द ————- – 05 हजार से ज्यादा मरीज प्रमुख दस अस्पतालों की – 20 प्रतिशत मरीज इसमें औसतन मेडिसिन ओपीडी के – 70 से ज्यादा मरीज इसमें मौसमी बीमारी से पीडि़त – 11 मलेरिया के मरीज इस साल अभी तक मिले है – 27 टीमें स्वास्थ्य विभाग की मलेरिया सर्वे कर रही है – 15 हजार से ज्यादा स्लाइड की एक महीने में जांच – स्लाइड की जांच में अभी तक कोई केस नहीं मिला ————— वर्जन उल्टी, दस्त, पीलिया के मरीज आ रहे है। ओपीडी में जांच में प्रतिदिन नए केस मिल रहे है। इन मरीजों के उपचार और जरुरत पडऩे पर वार्ड में भर्ती करने के लिए पर्याप्त तैयारी है। मरीजों के लिए वार्ड में व्यवस्थाए बेहतर की जा रही है। – डॉ. सीबी अरोरा, सिविल सर्जन, विक्टोरिया अस्पताल———— मच्छरजनित बीमारी से रोकथाम को लेकर लगातार लार्वा सर्चिंग और संदिग्ध मरीजों का ब्लड सेंपल लेने की कार्रवाई की जा रही है। ब्लड सेंपल की स्लाइड की लगातार जांच कराई जा रही है। एक महीने में स्लाइड जांच में मलेरिया, डेंगू का कोई केस नहीं मिला है।
– अजय कुरील, जिला मलेरिया अधिकारी
लेरिया, डेंगू का खतरा बढ़ा – शहर के अस्पतालों की ओपीडी में बारिश के साथ बढऩे लगे मरीज, दूषित पानी और गंदगी कर रही बीमार जबलपुर. मानूसन ने भले बारिश से शहर को अच्छे से अभी तक न भिंगोया हो लेकिन दूषित जल और गंदगी से लोग बीमार पडऩा शुरु हो गए है। निचली बस्तियों में डायरिया, पीलिया और टायफाइड के पीडि़त मिलने
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