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एक-दो नहीं यहां आयीं पूरी 9 गोल्डन गर्ल, देखते रह गए लोग

locationजबलपुरPublished: Jul 08, 2018 11:18:02 pm

Submitted by:

Premshankar Tiwari

चर्चाओं में रहीं गोल्डन गर्ल्स

golden girl

चर्चाओं में रहीं गोल्डन गर्ल्स

जबलपुर। परियों की तरह मुस्कुराते हुए गोल्डन गर्ल्स मंच पर आयीं तो तालियों की गडगड़़ाहट से पूरा हाल गूंज उठा। इन गर्ल्स की संख्या एक दो नहीं बल्कि पूरी की पूरी नौ थी। हर नजर बस इन पर जाकर टिक रही थी। उनकी प्रतिभा परिजनों ही नहीं यूनिवर्सिटी के प्राध्यापकों का भी मान बढ़ा रही थीं। ये गोल्डन गर्ल कोई और नहीं बल्कि वेटरनरी विश्वविद्यालय की ही मेधावी छात्राएं हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि वेटरनरी की पढ़ाई पूरी कर चुके डॉक्टर्स को जो 18 गोल्ड मेडल मिले हैं, इनमें 17 गोल्ड मेडल्स पर बेटियों का कब्जा रहा। केवल 1 गोल्ड मेडल युवक को मिला है।

अतिथियों ने दिया आशीष
पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय का 70वां स्थापना दिवस रविवार को मनाया गया। इस अवसर पर पदक वितरण एवं सम्मान समारोह भी आयोजित हुआ। मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने कहा कि छात्र मेहनत करें एवं नई-नई उचाइंयों को छुएं। पशुचिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करके पशुपालकों की आर्थिक स्थिति को सुधारें। विशिष्ट अतिथि पूर्व कुलपति डॉ. गोविन्द प्रसाद मिश्र, रोहत एवं पुनर्वास शासन आंध्रप्रदेश के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी डॉ. एमएम सिंह, सदस्य प्रबंधन मंडल इंजी. प्रभात दुबे रहे। वेटरनरी यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. प्रयाग दत्त जुयाल ने कहा कि विवि की नींव मजबूत है तो निश्चित रूप से हम अच्छी इमारत का निर्माण करेंगें। मंचासीन अतिथियों में एलुमनी के संरक्षक डॉ. ए. एम. श्रीवास्तव, डॉ. आरएस कोल्हे, अधिष्ठाता डॉ. आरपीएस बघेल, जॉइंट डायरेक्टर डॉ. एपी गौतम, एलुमनी अध्यक्ष डॉ. ओपी श्रीवास्तव शामिल रहे।

मेडल्स की चमक
डॉ. शिमला यादव और डॉ. अपूर्वा मिश्रा को तीन मेडल मिले बीवीएससी में बेहतर परफॉर्मेंस के लिए मिले। डॉ. पल्लवी वत्स, डॉ. सृष्टि सोनी, डॉ. रवीना खुड़े और डॉ. प्रियंका पाटोलिया को एक-एक मेडल बीवीएससी के लिए मिले। एमवीएसी में बेहतर प्रदर्शन के लिए डॉ. कृष्ण कुमार, डॉ. शिवांगी पाठक और डॉ. शशि भारती को एक-एक मेडल मिला।

पांच मेडल की मुस्कान
डॉ. मेहवश हिरा खान को पैथालॉजी एवं पैरासाइटोलॉजी, एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, बीवीएससी टॉपर के लिए पांच गोल्ड मेडल मिले हैं। मेहवश बताती हैं कि इसका श्रेय वे अपने माता-पिता को देती हैं। उनके दादा की तरह वह रिसर्च की फील्ड में काम करना चाहती हैं। वर्तमान में वे बरेली की वेटरनरी यूनिवर्सिटी से पीजी कर रही हैं।

पेटेंट प्राप्त करने वालों को सम्मान
कार्यक्रम में विवि द्वारा विभिन्न परियोजनाओं के प्रमुखों को सराहना प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इसके साथ ही माइक्रोटूल निर्मित करने का पेटेन्ट प्राप्त करने वाले डॉ. बीसी सरखेल एवं डॉ. धर्मेन्द्र कुमार को सराहना प्रमाण पत्र मिला। एम्ब्रयो ट्रांसफर क्षेत्र में डॉ. मनीष कुमार शुक्ला एवं डॉ. धर्मेन्द्र कुमार समेत अन्य को सम्मानित किया गया। आयोजन में उत्कृष्ट कार्य के लिए डॉ. पीके सोलंकी, डॉ. अजय गुप्ता, डॉ. अविनाश श्रीवास्तव, डॉ. एसके श्रीवास्तव, डॉ. एसएस बग्गा सहित अन्य को सम्मानित किया गया।

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