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कलेक्ट्रेट में रचाई शादी
तलाक के पांच साल बाद फिर एक दूजे के हुए रानू और अंजेश
यह है मामला-
दस साल पहले बल्देवबाग की रानू और पनागर के अंजेश का सामाजिक रीति-रिवाज से विवाह हुआ। शादी के बाद कुछ साल खुशी से बीते। फिर नासमझी के कारण दोनों का अहम टकराने लगा। रोजाना कलह होने लगी। आए दिन की झंझट ने रिश्तों में खटास आ गई। दोनों में इतनी दूरी आ गई कि 2013 में तलाक लेकर जुदा हो गए। पांच साल तक दोनों एक-दूसरे की शक्ल भी नहीं देखना चाहते थे। लेकिन, फिर दोनों के परिवारों ने जिम्मा सम्भाला। परिवारों के बुजुर्गों ने ‘प्रोफे सर’ की भूमिका निभाते हुए दोनों को जीवन का पाठ पढ़ाया ‘ढाई अक्षर प्रेम के पढ़े सो पंडित होय’। अंजेश के चाचा छोटे लाल चौबे व रानू के मामा मुन्ना पांडे ने दोनों की कई दिन तक काउंसलिंग की।
उन्हें समझाया गया कि हर रिश्ते में सहनशीलता, आपसी समझ जरूरी होती है। 34 साल के अंजेश और 32 साल की रानू को जीवन की सच्चाई समझ में आ गई। दोनों फोन पर बात करने लगे। बातें लम्बी होने लगीं। फिर चैटिंग शुरू हो गई और फिर से ‘प्यार’ हो गया। सोमवार को दोनों स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत कलेक्ट्रेट में शादी कर एक-दूजे के हो गए। कभी जुदा न होने का संकल्प लिया।