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दोषी अफसरों के खिलाफ 15 दिन में ले लेंगे फैसला
सरकार ने कहा, विभागीय जांच अंतिम चरण में
मप्र हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने बताया कि भोपाल में गैंगरेप की पीडि़त को भटकाने, रिपोर्ट में विलम्ब व उसे परेशान करने के लिए दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच अंतिम चरण में है। पंद्रह दिन में तीन थाना प्रभारियों व दो उपनिरीक्षकों के खिलाफ अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा। चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने सरकार को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए छह सप्ताह की मोहलत दी।
स्वत: लिया था संज्ञान –
चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता ने भोपाल गैंगरेप पर प्रकाशित खबरों को संज्ञान में लेकर यह जनहित याचिका दायर की थी। आठ जनवरी 2018 को कोर्ट ने सरकार से दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का ब्योरा मांगा था। इसके बाद जो तथ्य सामने आए उसमें अधिकारियों को जांच में दोषी पाया गया।
यह है मामला –
भोपाल निवासी एएसआइ की पुत्री के साथ चार आरोपितों ने कोचिंग से लौटते वक्त 31 अक्टूबर 2017 की देर शाम गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया। घटना हबीबगंज आरपीएफ चौकी के पास हुई थी। जिला अदालत ने चारों अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अतिरिक्त महाधिवक्ता समदर्शी तिवारी ने सोमवार को बताया कि हबीबगंज, एमपी नगर व जीआरपी थाना प्रभारियों सहित दो एसआइ के खिलाफ जांच पूरी होते ही कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। कोर्ट ने अगली सुनवाई नौ अक्टूबर नियत की।