एक्सपर्ट के अनुसार सनस्क्रीन को कोरी त्वचा पर नहीं लगाना चाहिए। पहले त्वचा पर माश्चराइजर लगाएं, इसके 20-30 मिनट बाद सनस्क्रीन लगाएं। जब त्वचा अच्छी तरह माश्चराइजर सोख लेगी तो रिस्पॉन्स अच्छा होगा। फेस पर सनस्क्रीन आखिरी प्रोडक्ट होना चाहिए। चिलचिलाती धूप में टेंनिंग की प्रॉब्लम से बचने के लिए त्वचा को सुरक्षा कवच देने की आवश्यकता है। बॉडी को सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से सेफ करने के लिए सनस्क्रीन कई रूपों में अवलेबल है। क्रीम, पावडर, जैल आदि हैं, लेकिन इनका यूज करने से पहले अपनी स्कीनटोन की पहचान अवश्य कर लें। मार्केट में हर्बल और कैमिकल्स वाले सनस्क्रीन अवलेबल हैं। अगर कैमिकल बेस्ड सनस्क्रीन लगा रहे हैं तो करीब 30 मिनट रुककर ही धूप में निकलें। सनस्क्रीन को बॉडी पर रगड़कर न लगाए जबकि, इसकी मात्रा भी बहुत कम नहीं होनी चाहिए। यह ध्यान देने वाली बात है कि व्यायाम और स्वीमिंग से पहले भी सनस्क्रीन लगाना चाहिए।
सन बर्न से बचना आवश्यक
तेज धूप में दुपट्टे से चेहरा बांधना या फुल हेल्मेट लगाना चाहिए। हाथों के लिए ग्लब्स यूज करना वैटर होता है। तेज धूप में निकलने से पहले कपड़े या छाता से बचाव की पूरी कोशिश करनी चाहिए। धूप के असर से स्कीन डैमेज हो सकती है। सनबर्न का रिस्क बना रहता है। हालांकि लेडिज एंड गल्र्स में अवेयरनेस बढ़ी है। यूथ और गल्र्स दुपट्टे का यूज कर रही हैं। इसका उन्हें बेनीफिट भी मिल रहा है।
धूप में निकलने से पहले पर्याप्त पानी पीए और कपड़ों से जितना संभव हो, उतना शरीर ढंक लें। सही तरीके से दिन भर में दो-तीन बार सनस्क्रीन क्रीम लगाएं तो त्वचा सुरक्षित रहेगी। प्रोडक्ट पर एसपीएफ लिखा रहता है, उसी के अनुसार यूज करें तो ज्यादा अच्छा होगा।
तृप्ति मिश्रा, ब्यूटी एक्सपर्ट