तिथि – नवमी रिक्ता संज्ञक तिथि अन्त रात्रि 3.19 तक, तदुपरान्त दशमी पूर्णा संज्ञक तिथि प्रारम्भ हो जाएगी। नवमी तिथि में विग्रह, कलह, जुआ, मद्य, आखेट, अग्नि विषादिक असद् कार्य और अभिघातादिक कार्य सिद्ध होते हैं। शुभ व मांगलिक कार्य वर्जित हैं। दशमी पूर्णा संज्ञा तिथि में विवाहादि सभी मांगलिक कार्य, अलंकार, यात्रा, प्रवेश, सवारी, पौष्टिक, वास्तु व अन्य उत्सवादि शुभ होते हैं।
राहुकाल- (मध्यम मान से) सायं 4.30 बजे से सायं 6.00 बजे तक राहुकाल वेला में शुभ कार्यारम्भ यथा संभव वर्जित रखना हितकर है।
दिशाशूल – रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। चन्द्र स्थिति के अनुसार आज उत्तर दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद है।
नक्षत्र- उत्तरा भाद्रपद ‘ध्रुव व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र रात्रि 12.21 तक, तदन्तर रेवती ‘मृदु व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में विवाह, यज्ञोपवीत, देवस्थापन, घर, वास्तु और अभिषेक सम्बन्धी कार्य और रेवती नक्षत्र में घर, देव मंदिर, अलंकार, विवाह, जनेऊ, जल व स्थल सम्बन्धी समस्त कार्य करने योग्य हैं।
वारकृत्य कार्य- रविवार को सामान्यत: स्थिर संज्ञक कार्य, राज्याभिषेक, राजसेवा, ललित कला सीखना, पशु क्रय, औषध व जड़ीबूटी संग्रह करना व उनका प्रयोग, धातु, सोना, शिक्षा-दीक्षा लेना-देना तथा यज्ञादि मंत्रोपदेश आदि कार्य शुभ व सिद्ध होते हैं।
विशिष्ट योग- सर्वार्थ सिद्धि नामक शुभ योग सूर्योदय से रात्रि 12.21 तक है। चन्द्रमा सम्पूर्ण दिवारात्रि मीन राशि में है।
शुभ कार्यारम्भ मुहूर्त- 14 जून: विवाह (संक्रान्ति जन्य दोष), सगाई रोका आदि उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में। 15 जून: विवाह, गृहप्रवेश, देव प्रतिष्ठा, सगाई रोका, जड़ूला, प्रसूति स्नान, कर्णवेध, विद्यारम्भ, कूपारम्भ, रामसुर प्रतिष्ठा, नामकरण, अन्नप्राशन, अक्षरारम्भ, वधू प्रवेश, व्यापारारम्भ, मशीनरी प्रारम्भ व वाहनादि क्रय करना आदि सभी कार्यों के रेवती नक्षत्र में शुभ मुहूर्त हैं। 16 जून: विवाह (कात्यायनोक्त), जड़ूला, प्रसूति स्नान, अश्विनी नक्षत्र में। 17 जून: चूड़ी धारण, सगाई-रोका, जड़ूला, विद्यारम्भ, वधू प्रवेश, अक्षरारम्भ, कर्णवेध और गृहप्रवेश का अति आवश्यकता में (नक्षत्र त्याज्य) अश्विनी नक्षत्र में। 18 जून: सगाई-रोका आदि कृत्तिका नक्षत्र में। 19 जून: गृहप्रवेश, प्रसूति स्नान, व्यापारारम्भ, नामकरण, अन्नप्राशन व कूपारम्भ त्रयोदशी रोहिणी नक्षत्र में तथा सगाई-रोका आदि के कृत्तिका व रोहिणी दोनों नक्षत्रों में। 20 जून: व्यापारारम्भ- मृगशिरा में।
ग्रह राशि- नक्षत्र परिवर्तन: सूर्यदेव मिथुन राशि में प्रवेश रात्रि 11.54 पर, पुण्यकाल मध्याह्न बाद, बुध प्रात: 9.18 पर पुनर्वसु नक्षत्र में प्रवेश करेगा। व्रतोत्सव- 14 जून: आषाढ़ संक्रान्ति, सूर्य मिथुन में प्रवेश रात्रि 11.54 पर, संक्रान्ति 45 मु., पुण्यकाल मध्याह्न बाद, पंचक, राजस संक्रान्ति (उड़ीसा) तथा गंडमूल प्रारम्भ रात्रि 12.21 से। 15 जून: मुनि नमीनाथ जयंती (जैन), गंडमूल सम्पूर्ण दिवारात्रि, पंचक अन्तरात्रि 3.17 तक। 16 जून: गुरु अर्जुन देव पुण्य दिवस (नवीन मत से) तथा गंडमूल सम्पूर्ण दिवारात्रि, फादर्स-डे। 17 जून: योगिनी एकादशी व्रत सबका, गंडमूल प्रात: 6.04 तक। 18 जून: प्रदोष व्रत। 19 जून: मास शिवरात्रि। 20 जून: सूर्य सायन कर्क में रात्रि 3.14 पर, सूर्य दक्षिणायण, वर्षा ऋतु प्रारम्भ, पितृकार्य अमावस्या, रोहिणी व्रत (जैन) तथा ग्रहणवेध।
ग्रह राशि- नक्षत्र परिवर्तन: सूर्यदेव मिथुन राशि में प्रवेश रात्रि 11.54 पर, पुण्यकाल मध्याह्न बाद, बुध प्रात: 9.18 पर पुनर्वसु नक्षत्र में प्रवेश करेगा।
व्रतोत्सव- 14 जून: आषाढ़ संक्रान्ति, सूर्य मिथुन में प्रवेश रात्रि 11.54 पर, संक्रान्ति 45 मु., पुण्यकाल मध्याह्न बाद, पंचक, राजस संक्रान्ति (उड़ीसा) तथा गंडमूल प्रारम्भ रात्रि 12.21 से। 15 जून: मुनि नमीनाथ जयंती (जैन), गंडमूल सम्पूर्ण दिवारात्रि, पंचक अन्तरात्रि 3.17 तक। 16 जून: गुरु अर्जुन देव पुण्य दिवस (नवीन मत से) तथा गंडमूल सम्पूर्ण दिवारात्रि, फादर्स-डे। 17 जून: योगिनी एकादशी व्रत सबका, गंडमूल प्रात: 6.04 तक। 18 जून: प्रदोष व्रत। 19 जून: मास शिवरात्रि। 20 जून: सूर्य सायन कर्क में रात्रि 3.14 पर, सूर्य दक्षिणायण, वर्षा ऋतु प्रारम्भ, पितृकार्य अमावस्या, रोहिणी व्रत (जैन) तथा ग्रहणवेध।