भगवान भोलेनाथ मृत्यु को भी हर लेेते हैं, भोलेनाथ को प्रशन्न करने के लिए कई महामृत्युंजय मंत्र हैं, जिनको अपनाकर व्यक्ति आरोग्य और सुख समृद्धि प्राप्त कर सकता है।
ये हैं भगवान भोलेनाथ को प्रशन्न करने के कुछ अचूक मंत्र
मूल मंत्र- ऊँ नम: शिवाय
एक अक्षर का मंत्र– ‘हौं’
तीन अक्षर का मंत्र– ऊँ जूं स:
चार अक्षर का मंत्र- ऊँ हौं जूं स:
दशाक्षरी महामंत्र– ऊँ जूं स: माम पालय पालय
मृत संजीवनी महामंत्युंजय मंत्र
ऊँ हौं जूं स: ऊँ भूर्भुव: स्व:
ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्
मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
ऊँ स्व: भुव: भू: ऊँ स: जूं हौं ऊँ
भोलेनाथ को ये अन्न हैं प्रिय
भगवान भोलेनाथ को चावल अर्पण करने से धन की प्राप्ति होती है।
तिल चढ़ाने से सारे पापों का नाश हो जाता हैै।
जौ या जवा अर्पित करने से भरपूर सुख मिलता है।
भोलेनाथ को अर्पण किया गया अन्न जरूरतमंदों को बांट देना चाहिए।
ये द्रव्य चढ़ाने से जल्द मिलती है शिव जी की कृपा
शरीर का ताप बढ़ रहा हो तो भगवान भोले भंडारी को जल ढारने से जल्द लाभ मिलता है। इसके साथ ही जल ढारने से सुख व संतान की वृद्धि भी होती है। तीक्ष्ण बुद्धि के लिए गुड़ या शक्कर मिला दूध भोलेनाथ का चढ़ाना चाहिए। भोले नाथ को गन्ने का रस भी बहुत प्रिय है इसलिए भक्तों को शिवलिंग को गन्ने के रस से नहलाने से सुख में वृद्धि होती है। भोलेनाथ का गंगा जल चढ़ाने से धन व मोक्ष दोनों की प्राप्ति संभव है।
ये फूल और पत्ते हैं प्रिय
भगवान भोलेनाथ को धतूरा, कनेर, मदार, हरसिंगार, बेला, चमेली के फूल बहुत प्रिय हैं, जो भक्त इन फूलों से भगवान शिव की पूजा करते हैं भोलेनाथ उन्हें धन, वैभव, सुख-समृद्धि और मोक्ष प्रदान करते हैं। इसके अलावा भगवान शिव को बेल और शमी के पत्ते और दूर्वा या दूब से पूजन करने वाले भक्त को संपूर्ण सुख और वैभव प्रदान करते हैं।
इन उपायों से जल्द प्रसन्न होते हैं भगवान शिव
सावन के महीने में हर रोज 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से ऊँ नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाने से भक्त की समस्त मनोकामनाएं भोलेनाथ पूर्ण करते हैं। सावन के माह में शिवलिंग पर केशर मिला दूध चढ़ाने से विवाह कार्य संबंधी बाधा दूर हो जाती है। सुबह उठकर शिवलिंग पर जल ढारें और ऊँ नम: शिवाय का जाप करने से मन के विकार दूर होंगे और शांति आएगी।