नवग्रहों में सूर्यदेव राजा माना जाते हैं। शास्त्रों में सूर्य को आरोग्यदायक कहा गया है इनकी उपासना से रोग मुक्ति संभव होती है. सूर्य भगवान की आराधना आरोग्यकारक मानी गई है, भानु सप्तमी के दिन उनकी पूजा जरूर करनी चाहिए। सूर्य की रोशनी के बिना संसार में कुछ भी नहीं होगा. सूर्य चिकित्सा का उपयोग आयुर्वेदिक और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में किया जाता है. इस दिन भगवान सूर्य का व्रत रखा जाता है. इस सप्तमी को जो भी सूर्य देव की उपासना तथा व्रत करते हैं उनके सभी रोग ठीक हो जाते हैं.
हड्डियों की कमजोरी, शारीरिक कमजोरी या जोडो़ में दर्द जैसी परेशानियों को दूर करने के लिए आज का दिन बहुत अच्छा है। भगवान सूर्य की आराधना करने से इन रोगों से मुक्ति मिलने की संभावना बनती है. सूर्य की ओर मुख करके सूर्य स्तुति करने से चर्मरोग भी नष्ट हो जाते हैं. इस व्रत को श्रद्धा तथा विश्वास से रखने पर पिता-पुत्र में प्रेम बना रहता है.
“ऊँ घृणि सूर्याय नम” अथवा “ऊँ सूर्याय नम” सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए. आदित्य हृदय स्तोत्र” का पाठ आज सबसे फलदायी सिद्ध होगा। सुबह उठकर सूर्यदेव को अघ्र्य दें और फिर यह पाठ करें. तीन बार यह पाठ करें। इसमें करीब आधा घंटा लगेगा पर बीमारी से बचाव जरूर होगा। संभव हो तो रोज यह पाठ करें। ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति संभव होती है. सूर्यदेव की कृपा से आप जल्द रोगमुक्त हो जाएंगे।