उगते हुए सूर्य की आराधना
इस दिन किसी जलाशय, नदी, नहर में सूर्योदय से पूर्व स्नान करना चाहिए. स्नान करने के बाद उगते हुए सूर्य की आराधना करनी चाहिए. भगवान सूर्य को जलाशय, नदी अथवा नहर के समीप खड़े होकर भगवान सूर्य को अध्र्य देना चाहिए. कपूर, धूप, लाल पुष्प इत्यादि से भगवान सूर्य का पूजन करना चाहिए. रात को दीप दान का भी महत्व है। इसके अतिरिक्त इस दिन अपनी सामथ्र्य के अनुसार गरीबों तथा जरूरतमंद ब्राह्मणों को दान देना चाहिए.
आदित्य हृदय स्तोत्र” का पाठ दिलाएगा अच्छी नौकरी
धार्मिक और ज्योतिषिय ग्रंथों के अनुसार सूर्य देव यश-सम्मान, सरकारी अनुग्रह आदि के कारक हैं। अच्छी नौकरियां उनकी कृपा के बिना नहीं मिल सकतीं। विशेषकर कोई भी सरकारी सूर्यदेव के आशीर्वाद से ही प्राप्त होती है. यदि आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति अच्छी है तो आपको बिना अधिक प्रयास किए अच्छी नौकरी मिल जाएगी और यदि सूर्य कमजोर है तो कितनी भी कोशिश करें , मनमाफिक नौकरी नहीं मिलेगी। सूर्यकृपा के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र” का पाठ सबसे फलदायी माना जाता है।
भानु सप्तमी के दिन जल्दी उठकर बहते हुए जल में स्नान करना चाहिए. स्नान करने के पश्चात सात प्रकार के फलों, चावल, तिल, दूर्वा, चंदन आदि को जल में मिलाकर उगते हुए भगवान सूर्य को जल देना चाहिए. फिर खुले आसमान तले बैठकर आदित्य हृदय स्तोत्र” का पाठ शुरु करें। इसका तीन बार पाठ करें और हर बार पाठ पूरा हो जाने के बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करें। रोज सुबह लगातार 40 दिनों तक यह पाठ करेंगे तो निश्चित रूप से अच्छी नौकरी प्राप्त होगी। याद रखें श्रद्धापूर्वक पाठ करने से ही शुभ फलों की प्राप्ति संभव होती है.