नक्षत्र- तीक्ष्ण दारूक संज्ञक नक्षत्र आद्र्रा दोपहर 3.36 तक उपरंात चर संज्ञक नक्षत्र पुनर्वसु नक्षत्र रहेगा। आद्र्रा नक्षत्र में शस्त्र निर्माण, उग्रकर्माचरण, विग्रह, पशु चिकित्सा, शस्त्र विद्या, शस्त्र साधना जैसे कार्य संपन्न किए जा सकते हैं। वहीं पुनर्वसु नक्षत्र में यात्रा, सवारी, पुष्टता, कारीगरी, कृषि कार्य, पौधरोपण तथा बागवानी जैसे कार्य शुभ तथा सुखद माने जाते हैं।
शुभ मुहूर्त – आज प्रसूति स्नान, शल्यक्रिया, आवेदन पत्र लेखन, कर्जनिपटारा, सेवारंभ जैसे कार्य शुभ तथा मंगलकारी रहेंगे। खनिज सम्पदा जैसे कार्य भी सुखद रहेंगे।
श्रेष्ठ चौघडि़ए – आज प्रात: 9.00 से 12.00 लाभ अमृत दोपहर 1.30 से 3.00 लाभ अमृत रात्रि 6.00 से 9.00 शुभ तथा अमृत की चौघडिय़ा शुभ तथा मंगलकारी मानी जाती है।
व्रतोत्सव- आज भानु सप्तमी का व्रत व्रतोत्सव पर्व रहेगा। आज के दिन श्री सूर्यनारायण की आराधना परम कल्याणकारी रहेगी।
चन्द्रमा : दिवस रात्रि पर्यंत तक बुध प्रधान राशि मिथुन राशि में संचरण करेगा।
ग्रह राशि नक्षत्र परिवर्तन: सूर्य के कन्या राशि में गुरु वृश्चिक राशि में तथा शनि धनु राशि के साथ सभी ग्रह यथा राशि पर स्थित है, सूर्य का चित्रा नक्षत्र में संचरण रहेगा।
दिशाशूल: आज का दिशाशूल पश्चिम दिशा में रहता है, इस दिशा की व्यापारिक यात्रा को यथा संभव टालना हितकर है। चंद्रमा का वास पश्चिम दिशा में है, सन्मुख एवं दाहिना चन्द्रमा शुभ माना जाता है।
राहुकाल: शाम 4.30.00 बजे से 6.00.00 बजे तक। (शुभ कार्य के लिए वर्जित)।
आज जन्म लेने वाले बच्चे – आज जन्मे बालकों का नामाक्षर कु,ध,ड,छ अक्षर से आरंभ कर सकते हैं। आद्र्र्रा नक्षत्र में जन्मे बालकों की राशि मिथुन होगी। राशि स्वामी बुध तथा रजतपाद पाया में जन्म माना जाएगा। मिथुन राशि के जातक प्राय: सुंदर न्यायप्रिय, प्रशन्नचित्त, उदारमना, कलाप्रिय, गीत संगीत में रुचि रखने वाले तथा दार्शनिक स्वभाव के होते हैं। स्वतंत्र व्यवसाय तथा पत्रकारिता के क्षेत्र में सफल होते हैं।