जबलपुर

पाकिस्तान चीन छू भी नहीं पाएंगे सैनिकों को, यहां बन रहा ये विशेष कवच!

पाकिस्तान चीन छू भी नहीं पाएंगे सैनिकों को, यहां बन रहा ये विशेष कवच!

जबलपुरOct 11, 2018 / 09:49 am

Lalit kostha

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जबलपुर। देश की सेना को मजबूती से दुश्मनों के सामने डटे रहने और उन्हें परास्त करने में हथियारों व वाहनों का विशेष योगदान होता है। इसके लिए यदि सबसे पहले किसी शहर का नाम आता है तो वह है मप्र का जबलपुर। यहां बने हथियारों से देश की सेना ने कई बड़े युद्ध लड़े और जीते। यहां के वाहनों से सैनिक सुरक्षित अपने गंतव्यों तक पहुंचते हैं। ऐसे वाहन जो उन्हें दुश्मनों के हमले से भी बचाते हैं। अब शहर को एक और नई सौगात मिल गई है। सेना के बुलेटप्रूफ वाहनों की नई खेप तैयार करने का बड़ा ऑर्डर मिला है। जो कर्मचारियों के लिए किसी खुशी से कम नहीं है।

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वीएफजे को मिलेगा बुलेटपू्रफ वीकल का बड़ा ऑर्डर
एक वाहन की हो चुकी है टेस्टिंग, सीआरपीएफ ने कराया था निर्माण

बुलेटपू्रफ वीकल के सभी परीक्षण में खरा उतरने के बाद जल्द ही फैक्ट्री को बड़ा ऑर्डर मिल सकता है। वाहन का निर्माण सीआरपीएफ ने कराया था, इसलिए पहला ऑर्डर यहीं से मिलने की उम्मीद फैक्ट्री प्रशासन को है। ऑर्डर मिलने से फैक्ट्री में काम की कमी काफी हद तक दूर हो जाएगी। वर्तमान में रॉ मटेरियल की कमी से एलपीटीए और स्टालियन की असेम्बलिंग में तेजी नहीं आ पा रही है। सीआरपीएफ की मांग पर वीएफजे में टाटा के 407 वाहन को बुलेटपू्रफ बनाया गया था। सीआरपीएफ के गुणवत्ता अनुभाग ने अलग-अलग पैमानों पर वाहन की जांच की। इसमें वह खरा उतरा था।

लागत भी अधिक नहीं
वीएफजे में पहले मारुति जिप्सी को बुलेटपू्रफ किया गया था। बाद में इसी प्रक्रिया के तहत 407 और एलपीटीए को भी बुलेटप्रूफ किया जा चुका है। हालांकि सेना की तरफ से इसकी मांग नहीं आई है। कुछ माह पहले 407 वाहन को बुलेटप्रूफ किया गया। इस काम में 30 ये 40 लाख रुपए की लागत आती है। फैक्ट्री के एक अधिकारी ने बताया, जल्द ही वीएफजे को बुलेटप्रूफ वाहन का ऑर्डर मिलेगा। इस सम्बंध में दोनों संस्थाओं के बीच पत्राचार भी किया जा रहा है।

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