25 भवनों पर चला बुलडोजर, विरोध में ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
प्रदर्शनकारियों का आरोप : मुआवजा दिए बिना तोड़ रहे आशियाना
आठ साल में नहीं दे सके मुआवजा-
जबलपुर-भोपाल एनएच चौड़ीकरण के प्रोजेक्ट पर वर्ष 2011 से काम चल रहा है। इसके बाजवूद बिल्हा, कूडऩ, भीटा, झिरना में ऐसे कई परिवार हैं, जिनकी जमीन सडक़ निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई है, लेकिन अब तक मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया है। कई प्रभावित परिवारों का आर्बिटेशन में मुआवजे का पुनर्निर्धारण किया गया था, वह राशि भी अब तक नहीं मिली है।
इनका नहीं बना मुआवजा-
दिलीप यादव 25 लाख रुपए, दिलीप अग्रवाल पांच लाख, सीताराम दुबे आठ लाख, मूलचंद मिश्रा पांच लाख, महेश सेन का मुआवजा बनाया ही नहीं गया है। इसी कूडऩ, मीरगंज के अरुण लूकस और अजय लूकस का छह लाख रुपए का मुआवजा बनाया गया है, लेकिन भुगतान नहीं किया गया है। इसी तरह ऐसे कई पविार हैं, जिनके भवनों को तोड़ा जा रहा है, लेकिन मुआवजा भुगतान के प्रकरण अब तक अटके हुए हैं।
इन्होंने दिया धरना-
मुआवजे का भुगतान किए बिना भवनों को तोडऩे के विरोध में सुनील जैन, किशोर दुबे, धर्मेंद्र पुरी, चतुर सिंह, दिलीप अग्रवाल, राजाराम सेन, धीरेंद्र प्रताप सिंह, नितिन अग्रवाल, मूलचंद मिश्रा सहित बड़ी संख्या में लोगों ने भेड़ाघाट चौराहे पर धरना दिया।
सडक़ निर्माण के लिए जमीन खाली कराई जानी है। जिन लोगों को मुआवजा नहीं मिला है, उनके प्रकरण तैयार हो चुके हैं।
– जेपी यादव, एसडीएम
एनएच के चौड़ीकरण में प्रभावित ऐसे परिवार, जिन्हें मुआवजा नहीं मिला है, उनके प्रकरण और डाटा शासन के पोर्टल पर फीड किए जा रहे हैं। सर्वर की समस्य के कारण डाटा फीडिंग पूरी नहीं हो सकी है। डाटा फीड होने के बाद ही मुआवजे के भुगतान की प्रकिया आगे बढ़ेगी।
संतोष शर्मा, – प्रोजेक्ट अधिकारी, एनएच-12