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बड़ी खबर: अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का ऐलान, शिलान्यास की तैयारी

locationजबलपुरPublished: Jan 27, 2019 11:18:06 am

Submitted by:

Premshankar Tiwari

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का ऐलान

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Ram Mandir

जबलपुर। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने बड़ा ऐलान कर दिया है। शंकराचार्य शिष्य मंडल के मनोज सेन के अनुसार स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने प्रयागराज कुंभ में रविवार को राम मंदिर निर्माण के लिए बड़ी घोषणा की है। शंकराचार्य ने कहा है कि मौनी अमावस्या पर 4 मई को वह स्वयं अयोध्या जाएंगे और किष्किंधा शिलाओं के माध्यम से राम मंदिर का शिलान्यास करेंगे। उनके साथ भारी संख्या में संत, आचार्य और शिष्य मंडल के लोग शामिल रहेंगे। उल्लेखनीय है कि विगत दिवस जबलपुर सिविक सेंटर स्थित शंकराचार्य मठ में हिंगलाज सेना के कार्यकर्ताओं ने श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए शिलाओं का पूजन किया था। इन शिलाओं को स्वामी गोविंदानंद सरस्वती पम्पापुर क्षेत्र के किशकिंदा से लेकर आये थे। पूजन के बाद कार्यकर्ताओं का दल शिलाओं को लेकर प्रयागराज कुम्भ के लिए रवाना हुआ था।

मंदिर में लगेंगी ये शिलाएं
सेना के अध्यक्ष स्वामी चैतन्यानंद ने कहा, प्रयागराज में 26 जनवरी से तीन दिवसीय धर्मसभा होगी। कुम्भ मेला में शिलाओं को दर्शनार्थ रखा जाएगा। उसके बाद पूजित शिलाओं को मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या ले जाने की तैयारी है। पांच शिलाओं में पहली शिला का नाम भद्रा, दूसरी जया, तीसरी पूर्णा, चौथी नंदा और पांचवी शिला का नाम किष्किंधा श्रीराम हनुमान शिला है। शिला पूजन में नूतन पांडे, कमलेश शास्त्री, ब्रजेश दुबे, मनोज पाटकर, सागर नायक, बीके पटेल, आशीष श्रीवास्तव, आयुष गुप्ता, वसुंधरा पांडे एवं मीडिया प्रभारी मनोज सेन मौजूद थे।

रोक सकें तो रोक कर देंखे
उल्लेखनीय है कि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने राम मंदिर के निर्माण के लिए बड़ा एलान कर दिया है। शंकराचार्य ने कहा है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी अयोध्या में राम मंदिर नहीं बना सकती क्योंकि हमारे देश का संविधान धर्मनिरपेक्ष है। इस वजह से राजनीतिक पार्टियां मंदिर के निर्माण का काम नहीं कर सकतीं। पत्रिका को दिए विशेष इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि हम खुद राम मंदिर के लिए शिलान्यास करेंगे और मंदिर बनाएंगे। यदि हमें कोई रोकेगा तो पता चलेगा कि उस पार्टी की असलियत क्या है। शंकराचार्य ने कहा कि उन्होंने मंदिर बनाने के लिए एक समिति का गठन भी कर लिया गया है। यही समिति मंदिर का निर्माण कराएगी। शंकराचार्य ने चेतावनी दी है कि वह मंदिर बनाएंगे यदि कोई रोक सकता है तो रोक कर देख ले।

धर्म संसद में होगा निर्णय
द्वारिका एवं ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने बताया कि प्रयागराज में 28 जनवरी से धर्म संसद का शुभारंभ होगा। इसका समापन 30 जनवरी को होगा। धर्म संसद में देश भर से आए संत व प्रबुद्धजन शामिल होंगे। इस दौरान राम मंदिर निर्माण समेत सनातन धर्म से जुड़े कई मसलों पर चिंतन-मंथन किया जाएगा। यहां संतों से चर्चा के उपरांत स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती के साथ संतों का एक प्रतिनिधि मंडल अयोध्या के लिए कूच कर जाएगा। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती फिलहाल यहां गोटेगांव झोंतेश्वर स्थिति मणिदीप में रुके हुए हैं। उल्लेखनीय है कि इस मसले पर कुछ समय पूर्व उन्होंने अयोध्या आए स्वामी राघवाचार्य से भी मंत्रणा की। महाराजश्री का आशीर्वाद लेते हुए स्वामी राघवाचार्य ने भी राम मंदिर के निर्माण के लिए पहल का संकल्प दोहराया था।

ये हैं चार शिलाओं के नाम
झोंतेश्वर में चर्चा के दौरान शंकराचार्य ने बताया कि श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए चार शिलाएं तैयार हो गई हैं। इनका नाम नंदा, भद्रा, जया और पूर्णा रखा गया है। धर्म संसद के बाद प्रयाग राज से उनकी अगुवाई में संत इन्हीं शिलाओं को लेकर अयोध्या प्रस्थान करेंगे। उनके साथ राम भक्तों का बड़ा प्रतिनिधि मंडल भी शामिल रहेगा।

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