Fines imposed on drivers driving without masks, recovered eight thousand rupees
जबलपुर. बिना बिजली लिए मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कम्पनी हर साल हजारों करोड़ रुपए चुका रही है। इसकी वजह बिजली वितरण कम्पनियों से किया गया दीर्घकालीन एग्रीमेंट है। इसमें शर्त है कि कम्पनी बिजली ले या न ले, एक फिक्स राशि चुकानी ही पड़ेगी। आलम ये है कि यह फिक्स रकम लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले चार वित्तीय वर्षों में इस राशि के ग्राफ में चार हजार करोड़ की बढ़ोत्तरी हुई है।
यह फिक्स कॉस्ट चुकाई
वर्ष- फिक्स कॉस्ट (करोड़ में)
2014/15- 11001.21
2015/16- 13371.39
2016/17- 15223.63
2017/18- 15480
2018/19 पिछले से ज्यादा
मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कम्पनी ने 2018/19 के लिए टूअप पिटिशन मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में लगाई है। जिसकी सुनवाई आने वाले दिनों में होनी है। सुनवाई के बाद इसे सार्वजनिक किया जाएगा। जानकारों की मानें तो इस बार फिक्स कॉस्ट पिछले बार की अपेक्षा तीन से चार हजार करोड़ रुपए बढ़ सकती है।
किसे चुकानी पड़ रही कितनी रकम
मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कम्पनी (ताप)
मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कम्पनी (जल)
एनटीपीसी
नर्मदाघाटी परियोजना
अंतरराज्यीय विद्युत परियोजनाएं
साशन पावर सिंगरौली
स्वतंत्र व निजी विद्युत उत्पादक
इन्हें नहीं देना पड़ता फिक्स चार्ज
विंड, सोलर और मिनी माइक्रो प्रोजेक्ट्स
शर्तों में उलझे, बढ़ी परेशानी
कई साल पहले प्रदेश में विद्युत उत्पादक क्षमता कम थी। प्रदेश के लोगों को पर्याप्त बिजली मिल सके, इसके लिए विद्युत उत्पादन करने वाली कई कम्पनियों से अनुबंध किए गए। इनमें ताप, जल, थर्मल, विंड और माइक्रो मिनी प्रोजेक्ट शामिल थे। अधिकतर अनुबंध दीर्घकालीन किए गए, जो 20 से 25 साल के लिए था। कई उत्पादन कम्पनियों की शर्त थी कि विद्युत खरीद हो या न हो, एक नियत भुगतान अनिवार्य होगा। इसी शर्त में फंसने के कारण यह नुकसान हो रहा है।
विभिन्न उपक्रमों को भुगतान किया गया नियत प्रभार
उपक्रम- 2014/15- 2015/16- 2016/17- 2017/18
मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी- 4492.18- 6081.29- 6716.43- 5901.03
एनटीपीसी/पावर ग्रिड- 3902.57- 3926.16- 4206.47- 4370
संयुक्त क्षेत्र/जल विद्युुत गृह- 1132.64- 1142.15- 1225.1- 1018.03
निजी विद्युत कम्पनियां- 1369.63- 1904- 1971.69- 2047.32
अन्य (वितरकों का उल्लेख नहीं)- 97.06- 337.79- 1103.94- 214.35
कुल फिक्स चार्ज- 11001.21- 13371.39- 15223.63- 15480
वर्जन
मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कम्पनी को प्रतिवर्ष दीर्घकालीन अनुबंधों के कारण करोड़ों रुपए की हानि होती है। क्षति से बचने अब दीर्घ कालीन अनुबंधों को रद्द करने की आवश्यकता है।
-राजेन्द्र अग्रवाल, रिटायर्ड अतिरिक्त मुख्य अभियंता व अधिवक्ता