सेमीनार में दिया जाता था लालच
एसटीएफ के अनुसार चेन सिस्टम वाले इस स्कीम से जुड़े लोगों की देश के हर बड़े शहरों में सेमीनार आयोजित किया जाता था। जिसमें लोगों को इस वर्चुअल करेंसी और इससे जुडऩे पर होने वाले फायदे बताए जाते थे। वेबसाइट के चलते बड़ी संख्य में एनआरआइ भी इसमें निवेश किए। मलेशिया में रह रहे एनआरआइ संदीप ने बताया कि उसने 12 लाख रुपए निवेश किए हैं। अब पैसे नहीं दिए जा रहे हैं। जबकि ऑनलाइन पैसे ट्रांजेक्शन की बात कही गई थी। उसके अलावा कई साथी भी पैसे लगाए हैं।
100 करोड़ से अधिक की ठगी
वासी नवी मुम्बई में रह रहे शहर के गंगानगर आमनपुर निवासी रूपेश राय और शक्तिनगर निवासी बृजेश रैकवार द्वारा तैयार इस चिटफंड कम्पनी गोल्ड यूनियन क्वाइन (पीजीयूसी) में बड़े स्तर पर फ्रॉड किया गया है। एमपी, छग, मुम्बई, गुजरात में बिट्क्वाइन की तर्ज पर 100 करोड़ के लगभग ठगी हुई है। एसटीएफ मामले की जांच में लगी है और निवेश करने वाले सभी निवेशकों के बयान दर्ज कर रही है।
यह है मामला
गुप्तेश्वर वार्ड मदन महल निवासी केटरिंग व्यवसायी रूपिंदर पाल सिंह छाबड़ा ने अप्रैल 2017 में बिल्डर यादव कॉलोनी निवासी विनीत यादव और मित्र भोपाल निवासी राजीव शर्मा के साथ मिलकर इस स्कीम में पैसा लगाया था। जब तय समय सीमा में निवेश की गई रकम और मुनाफा नहीं मिला तो एसटीएफ में शिकायत दर्ज करायी। वर्चुअल करेंसी गोल्ड क्वाइन में निवेश कराकर ठगी करने वाले जालसाजों ने देश भर में 1100 से अधिक लोगों को चपत लगायी है।