हाइपर लिंक में ये सब होना चाहिए
– विद्यार्थियों एवं स्टाफ की बायोमेट्रिक मशीन पर दर्ज उपस्थिति।
– डीन, प्राचार्य, चिकित्सा अधीक्षक का नाम, शैक्षणिक योग्यता।
– कॉलेज में शिक्षक सहित अन्य स्टाफ का नाम सहित ब्योरा।
– कॉलेज में स्वीकृत पाठ्यक्रम और मान्यता का स्टेटस।
– एमबीबीएस और पीजी में मेरिटवार दाखिल किए गए छात्रों की सूची।
– पिछल वर्ष के दौरान किए गए शोध कार्यों का प्रकाशन।
– वर्ष में हुआ अकादमिक गतिविधि या सम्मेलन।
– छात्रों या संकाय सदस्यों की ओर से प्राप्त पुरस्कार एवं उपलब्धि
– सम्बद्धता देने वाले विवि के कुलपति एवं कुलसचिव का ब्योरा
– एक वर्ष की सभी परीक्षा के परिणाम की जानकारी।
जांच के लिए कभी भी मांगा जा सकता है रेकॉर्ड
एमसीआइ ने गजट नोटिफिकेशन करके विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं अन्य स्टाफ की उपस्थिति नियमित रुप से दर्ज कने के लिए बायोमेट्रिक मशीन लगाना अनिवार्य किया है। बायोमेट्रिक उपस्थिति दैनिक उपस्थिति बोर्ड के रुप में मेडिकल कॉलेजों की वेबसाइट में उपलब्ध रहेगी। जरुरत होने पर जांच के दौरान या बाद में रेकॉर्ड मांगा जा सकता है। बायोमेट्रिक सिस्टम को वेबसाइट जोड़कर उपस्थिति दिखाने में गड़बड़ी होगी तो डीन के विरुद्ध कार्रवाई होगी।
विवि पहले ही कस चुका है शिंकजा
मप्र आयुर्विज्ञान विवि की ओर से छात्र-छात्राओं की उपस्थिति कक्षाओं में सुनिश्चित करने के लिए पहले की कवायद शुरू की जा चुकी है। विवि ने पिछले सत्र से सम्बद्ध कॉलेजों में विद्यार्थियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन से दर्ज करने के निर्देश दे चुका है। हालांकि एमसीआइ के गजट नोटिफिकेशन से अब डीन को बायोमेट्रिक उपस्थित और उसके वेबलिंक को लेकर शपथ पत्र देना होगा। इससे कक्षाओं में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बढऩे के साथ ही स्टाफ भी समय के पाबंद होंगे।
एमसीआइ ने बायोमेट्रिक मशीन से उपस्थिति को लेकर गजट नोटिफिकेशन किया है। इसके लागू होने से मेडिकल कॉलेजों में उपस्थिति को लेकर पारदर्शिता बनी रहेगी।
– डॉ. आरएस शर्मा, कुलपति, मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय