विश्वविद्यालय प्रशासन को निर्देश दिए कि तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती में हाईकोर्ट के सिंगल बैंच के निर्णय के खिलाफ डबल बैंच में पूरी दमदारी और तथ्यों के साथ अपना पक्ष रखे। इसके लिए सीनियर वकीलों को भी विश्वविद्यालय प्रशासन खड़ा करे। बैठक में कुलपति प्रो.कपिलदेव मिश्र, कुलसचिव कमलेश मिश्रा, कार्यपरिषद सदस्य निखिल देशकर, डॉ.अतुल दुबे, मनोज आर्या, प्रो.भरत तिवारी, प्रो.आरके यादव, एडी डॉ.लीला भलावी आदि उपस्थित थे।
लिफाफा खुलने के बाद अड़ गए सदस्य
बंद कमरे में हुई बैठक के दौरान महाधिवक्ता कार्यालय से पहुंचे बंद लिफाफे को कार्यपरिषद के समक्ष खोला गया। सिंगल बैंच के निर्णय पर सहमति जताई गई। कार्यपरिषद सदस्यों ने कहा कि कार्यपरिषद सबसे बड़ी बॉडी होती है। परिषद जांच के बाद जब पहले ही भर्ती प्रक्रिया को खारिज कर चुकी है। कार्यपरिषद शुरू होने के पहले छात्र संगठनों ने अधिकारियों का घेराव किया। विवि प्रशसन सहित कार्यपरिषद सदस्यों को एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष अरशद अली, युवक कांग्रेस के प्रवक्ता रिजवान अली कोटी, बादल पंजवानी आदि ने ज्ञापन सौंपा।