जबलपुर

रिजेक्टेड एके-47 राइफल्स चोरी मामले में NIA का बड़ा खुलासा

-एक-47 राइफल्स के पार्ट चुका कर उसे असेंबल कर नक्सलियों तक पहुंचाने का आरोप -22 एके-47 रायफल की बरामदगी मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

जबलपुरJun 05, 2021 / 10:22 am

Ajay Chaturvedi

एके- 47 राइफल

जबलपुर.राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) ने जबलपुर सेंट्रल ऑर्डिनेंस डिपो (COD) से 70 रिजेक्टेड एके-47 राइफल्स चोरी मामले में बड़ा खुलासा किया है। सुरक्षा एजेंसी ने इस मामले में पटना स्पेशल कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में बताया है कि सीओडी के स्टोर से 70 रिजेक्टेड एके-47 रायफल के पार्ट्स चोरी कर असेंबल किए गए। इन रायफल्स को बिहार के मुंगेर में बेचा गया, जहां से ये नक्सलियों तक पहुंचा।
एनआईए ने चार्जशीट में जबलपुर सीओडी के एक्स आर्मोरर को किंग पिन बताया है। चार्जशीट में एके-47 रायफल मुंगेर होकर बिहार-झारखंड के बदमाशों और सक्रिय नक्सलियों को बेचे जाने की बात कही गई है। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने दो जून को पटना स्थित स्पेशल जज गुरविंदर सिंह मल्होत्रा की अदालत में 22 एके-47 रायफल की बरामदगी मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
ये रही मॉडस आपरेंडी

जानकारी के मुताबिक जबलपुर सेंट्रल ओर्डिनेंस डिपो के स्टोर से 70 के लगभग रिजेक्टेड एके-47 रायफल पार्ट्स के रूप में चोरी किए गए। स्टोर कीपर अधारताल निवासी सुरेश ठाकुर इसे डिपो के पूर्व आर्मोरर गोरखपुर पंचशील नगर निवासी पुरुषोत्तम लाल रजक को देता था। पुरुषोत्तम लाल रजक उसे असेम्बल कर अलग-अलग तारीखों में बिहार के मुंगेर में तस्करों तक पहुंचाता था। पुरुषोत्तम रीवा का रहने वाला है और 2008 में सीओडी से रिटायर हुआ था।
इस मामले में बताया जा रहा है कि बिहार के जमालपुर थाने की पुलिस ने 29 जुलाई 2018 को जुबली बेल इलाके में मुफस्सिल थाना अंतर्गत मिर्जापुर बरदह गांव निवासी मोहम्मद इमरान आलम और शमशेर को दबोचा था। दोनों के पास से तब 5 एके-47 राइफल, 30 मैगजीन, एके-47 राइफल का 7 पिस्टन, 7 स्प्रिंग, 7 बॉडी कावर, 7 रीकॉइल स्प्रिंग, 7 ब्रिज ब्लॉक और अन्य पुर्जे जब्त हुए थे। यह हथियार उसे स्टेशन पर पुरुषोत्तम लाल रजक और उसकी पत्नी चंद्रवती ने दिया था। उनकी टिकट का बंदोबस्त बेटा शैलेंद्र करता रहा। मुंगेर में हुई गिरफ्तारी के आधार पर जबलपुर की गोरखपुर और क्राइम ब्रांच पुलिस ने चार अगस्त को पुरुषोत्तम, पत्नी चंद्रवती, बेटा शैलेंद्र और अधारताल निवासी सुरेश ठाकुर को दबोचा था।
ये है पूरा मामला
बतया जा रहा है कि इस मामले में गोरखपुर में एफआईआर दर्ज है। पुरुषोत्तम से बड़ी मात्रा में एके-47 के पार्ट्स जब्त हुए थे। बाद में इस मामले में मुंगेर के 9 आरोपी और बनाए गए थे। 20 दिसंबर 2018 को 173 (8) में पुलिस ने न्यायालय में चालान पेश कर दिया। अभी नौ आरोपी जबलपुर नहीं लाए जा सके हैं। इसके अलावा दो एफआईआर बिहार के जमालपुर में 29 जुलाई 2018 और मुफस्सिल थाना में 7 सितंबर 2018 को दर्ज हुआ। इसमें 26 लोगों को आरोपी बनाया गया हैं। इसके बाद 5 अक्टूबर 2018 को एनआइए ने इस मामले को टेकओवर कर लिया। बिहार की मुंगेर पुलिस ने एक स्पेशल टीम बनाकर इस मामले की जांच जारी रखी। इसी कड़ी मेंकुल 22 लोगों की गिरफ्तारी बिहार व झारखंड से हुई जबकि 4 आरोपी जबलपुर से ले जाए गए। आरोपियों ने घर के आंगन में स्थित कुंए, नाले में और घर में सभी हथियार छुपा रखे थे। शेष हथियारों को वे बिहार-झारखंड के बदमाशों, कोल माफिया और नक्सलियों को बेच दिए थे।
केस के खास बिंदु

– जबलपुर स्थित सीओडी से वर्ष 2002 से 2018 के दौरान एके-47 सहित अन्य हथियारों को पार्ट्स के तौर पर निकाला गया
– चोरी के बाद असेम्बल किए गए एके-47 हथियारों को मुंगेर के तस्करों के माध्यम से नक्सलियों और बदमाशों को 5 से 8 लाख रुपए में बेचे गए।
-इस मामले में सीओडी के वर्तमान और कुछ पूर्व अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है
– 29 जुलाई 2018 को मुंगेर में इमरान और शमशेर राणा की गिरफ्तारी के बाद 5 एके-47 की जब्ती से मामले का भंडाफोड़ हुआ
-बिहार और झारखंड के नक्सलियों के अलावा कोल माफिया को सेना की एके-47 राइफल बेची गई है

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