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बैंकों में फर्जीवाड़े का बड़ा खेल, मरने के तीन साल बाद निकाल लिया लोन

locationजबलपुरPublished: Jan 18, 2019 11:36:07 am

Submitted by:

santosh singh

शहर के बैंकों में लोन का फर्जीवाड़ा, बैंक कर्मियों की भूमिका भी संदिग्ध
 

शहर के बैंकों में लोन का फर्जीवाड़ा,

forgery in banks

 

जबलपुर. शहर में बैंक लोन के नाम पर फर्जीवाड़ा चल रहा है। अलग-अलग चेहरे कभी गोल्ड लोन के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं तो कहीं दूसरे की जमीन बैंकों में बंधक रखकर लाखों रुपए का लोन लिया जा रहा है। फर्जी नाम-पते पर वाहन फाइनेंस कराने का धंधा भी जारी है। पिछले दिनों एसबीआइ के क्षेत्रीय प्रबंधक की शिकायत के बाद अन्य बैंक भी जांच करा रहे हैं।

गोल्ड लोन की जांच के बाद खुलासा

जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 में जिले में धोखाधड़ी के 145 प्रकरणों में से 38 प्रकरण लोन के फर्जीवाड़े से सम्बंधित हैं। इनमें बैंक कर्मियों की संलिप्तता भी सामने आई है। स्वरोजगार प्रकरण में लोन देने वाले सिंडीकेट बैंक की तत्कालीन महिला शाखा प्रबंधक का तबादला किया गया था। विभागीय जांच के दौरान उन्होंने आत्महत्या कर ली। अधिकतर मामलों में जमीन गिरवी रखने के लिए जालसाजों ने फर्जी दस्तावेज का उपयोग किया है।

इन थाना क्षेत्रों में सबसे अधिक मामले दर्ज : भेड़ाघाट, पनागर, अधारताल, केंट, ग्वारीघाट, गोरखपुर, गढ़ा, संजीवनी नगर, विजय नगर, माढ़ोताल, तिलवारा।
लोन के लिए अपना रहे ये हथकंडे

फर्जी गोल्ड गिरवी रखकर
जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर
उद्योग लगाना दर्शा कर
वाहन खरीदने के लिए

स्वरोजगार के एवज में
मकान निर्माण कराने के नाम पर

किसान क्रेडिट कार्ड बनवा कर

ये मामले आए सामने

केस : 1
15 सदस्यीय गिरोह ने वर्ष 2013-14 में एसबीआइ की 10 ब्रांच से 1.09 करोड़ रुपए का गोल्ड लोन लिया। लोन एनपीए होने के बाद बैंक ने गिरवी रखे गोल्ड की पिछले वर्ष नीलामी कराई तो वह नकली निकला। बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक की शिकायत पर आइपीएस जांच कर ही है।
केस : 2

27 जुलाई को केंट थाने में फर्जी तरीके से बैंक लोन का प्रकरण दर्ज कराया गया। पनागर निवासी शुभम की जुनमानी गांव स्थित 5.74 हेक्टेयर कृषि भूमि के फर्जी दस्तावेज बनाकर केनरा बैंक से सात लाख रुपए का लोन लिया गया। प्रकरण में देवेंद्र सोंधिया और उसके फूफा ससुर राजकुमार यादव को गिरफ्तार किया गया था।

केस : 3
वर्ष 2016 में पनागर के व्यास मोहल्ला निवासी देवेंद्र सोंधिया और उसके फूफा ससुर राजकुमार यादव ने अधारताल स्थित आइसीआइसीआइ बैंक से गौरीशंकर तिवारी के नाम चार लाख का लोन लिया। जबकि रिछाई निवासी गौरीशंकर तिवारी की वर्ष 2013 में ही मौत हो चुकी है।

केस : 4

07 जुलाई 2018 को हनुमानताल निवासी अहमद अंसारी ने अधारताल में उनके नाम पर बैंक से फर्जी तरीके से 10 लाख रुपए लोन लेने पर खजरी खिरिया बाइपास निवासी सुमित पांडे उर्फ इरफान शेख और उसके भाई आमिर शेख के खिलाफ मामला दर्ज कराया। एम्ब्रायडरी कम्प्यूटर मशीन के लिए लोन दिलाने का झांसा देकर दोनों ने अंसारी से दस्तखत कराया था।

केस : पांच
20 जुलाई 2018 को अधारताल में करोड़ों की जमीन का फर्जी दस्तावेज तैयार कर और बैंक में बंधक रखकर बांदा निवासी उत्तम सिंह ठाकुर और अधारताल निवासी सैय्यद अब्बास ने आठ ट्रक खरीदने के लिए सवा करोड़ रुपए का लोन लिया। बैंक से नोटिस मिलने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।
केस-छह

03 जुलाई को तिलवारा पुलिस ने द्वारका नगर निवासी राजेश राजपूत, राकेश पटेल, पिंटू उर्फ राकेश सेन, सरित जैन व सुशांत को गिरफ्तार किया। सभी तिलवारा स्थित सिंडीकेट बैंक से मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के नाम पर छात्रों को लोन दिला कर खुद पूरी रकम हड़प लेने के प्रकरण में गिरफ्तार हुए थे।

…वर्जन…
बैंकों से लोन के नाम पर कई तरह के फर्जीवाड़े की शिकायत पर पूर्व में कार्रवाई की गई थी। गोल्ड लोन मामले की जांच आइपीएस रवींद्र वर्मा कर रहे हैं। ऐसे फर्जीवाड़े में आवेदक के साथ-साथ बैंक कर्मियों की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता। हर पहलू की जांच की जा रही है।

अमित सिंह, एसपी

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