जबलपुर

High Court ने शिक्षकों को दी राहत, म्यूचुअल ट्रांसफर के आवेदन पर मानवतापूर्वक हो विचार

कोर्ट ने अफसरों को चार सप्ताह का समय दिया

जबलपुरApr 29, 2019 / 08:41 pm

abhishek dixit

हाईकोर्ट ऑर्डर

जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने अहम आदेश में कहा कि आपसी तबादले ( म्यूचुअल ट्रांसफर ) के आवेदन पर मानवतापूर्वक विचार करना चाहिए। इस मत के साथ कोर्ट ने दो शिक्षकों के आपसी तबादले की अर्जियों पर पुनर्विचार कर निर्णय लेने का निर्देश दिया। कोर्ट ने अफसरों को इसके लिए चार सप्ताह का समय दिया।

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यह है मामला
सहायक अध्यापकों जबेरा, दमोह की निवासी वंदना मिश्रा व कटनी जिले के रीठी निवासी दीपक उपाध्याय ने याचिका दायर की। कहा गया कि वंदना मैलीढाना, दमोह में कार्यरत है। जबकि उपाध्याय रीठी के बिरुहली प्राथमिक स्कूल में सेवाएं दे रहा है। उपाध्याय की पत्नी का स्वास्थ्य काफी खराब है। दमोह जिले में पदस्थ करने से उन्हें पत्नी के इलाज में सहूलियत होगी। इसी तरह वंदना को भी दमोह जिले में काम करने में कई व्यक्तिगत परेशानियां हैं। जिसका उनके कार्य पर प्रभाव पड़ रहा है। कटनी जिले में स्थानांतरण से ये समस्याएं दूर हो जाएंगी। दोनों ने म्यूचुअल ट्रांसफर के लिए आवेदन दिया। आवेदन निरस्त होने पर हाईकोर्ट की शरण ली गई। कोर्ट ने 29 अस्त 2018 को उच्चाधिकारियों को निर्देश दिए कि याचिकाकर्ताओं के आवेदन का निराकरण किया जाए। लेकिन 28 जनवरी 2019 को आयुक्त लोक सूचना भोपाल ने दोनों के आवेदन निरस्त कर दिए।

कोर्ट के मत को बनाओ आधार
यह बताया गया कि याचिकाकर्ताओं का संविलियन स्थगित कर दिया गया है और नई नियुक्तियां भी होनी हैं। इसलिए दोनों के आवेदन पर फिलहाल विचार नहीं किया जा सकता। आयुक्त लोक सूचना के इस आदेश को याचिका में चुनौती दी गई। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने आयुक्त लोक सूचना का उक्त आदेश निरस्त कर दिया। लोक सूचना आयुक्त को निर्देश दिए गए कि कोर्ट के मत को ध्यान में रखकर याचिकाकर्ताओं के अभ्यावेदन का चार सप्ताह में विधि अनुसार निराकरण किया जाए।

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