दिल्ली में हुई ये बात
रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण के साथ दिल्ली में हुई बैठक में राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा व कें ट बोर्ड उपाध्यक्ष चिंटू चौकसे ने चर्चा की। इसमें छावनी परिषदों की मतदाता सूची से अतिक्रमणकारी कहकर निवासियों के नाम काटने, सिविल क्षेत्र का विस्तार करने समेत केंट क्षेत्र की अन्य समस्याओं पर रक्षामंत्री से बातचीत हुई। उन्होंने रक्षा मंत्री को बताया, वर्ष 1958 में केंट क्षेत्र का विस्तारीकरण हुआ था। इसके बाद से क्षेत्र के विस्तार का प्रस्ताव लंबित है।
सेना की 153 एकड़ जमीन मांगी
वर्ष 1958 में केंट क्षेत्र का विस्तारीकरण हुआ था। उस समय जबलपुर केंट की आबादी 18 हजार थी। उस दौरान 27 एकड़ का विस्तारीकरण कर सिविल एरिया में शामिल किया गया था। वर्तमान में केंट क्षेत्र की आबादी ६५ हजार से अधिक है, लेकिन सिविल एरिया का विस्तार नहीं किया गया। जबकि राज्य शासन ने सैन्य प्रशासन को 323 एकड़ जमीन दी है। इसके बदले सेना की 153 एकड़ भूमि सिविल एरिया के लिए देने की मांग पार्षद कर रहे हैं।
इन मांगों पर भी चर्चा
कांग्रेस नेताओं ने केंट में नवनिर्माण के नक्शे की स्वीकृति के लिए जनरल लैंड रजिस्टर (जीएलआर) में आवेदकों के नाम चढ़े होने की बाध्यता समाप्त करने, छावनी परिषद की ओर से कराए जाने वाले विकास कार्यों में भूमि के वर्गीकरण की बाध्यता समाप्त करने, सेना प्रशासन द्वारा सार्वजनिक सड़कों को बंद करने, फ्री होल्ड पॉलिसी का सरलीकरण करने समेत छावनी परिषद के अधीन काम कर रहे कर्मचारियों को केंद्र सरकार के कर्मचारियों के समान वेतन-भत्ते और अन्य सुविधाएं देने के सम्बंध में सुझाव दिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जिले में भूमि के नामांतरण की प्रक्रिया कठिन है, इसमें सुधार होना चाहिए।
सांसद सिंह ने भी भेजे सुझाव
केंटोनमेंट क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद राकेश सिंह ने भी बैठक में पत्र के माध्यम से सुझाव भेजे हैं। सिंह ने बताया कि उन्होंने समस्याओं के निराकरण के लिए रक्षा मंत्री से चर्चा की थी। उसके बाद यह बैठक हुई। उन्होंने बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के भोपाल आगमन पर आयोजित विस्तारित बैठक में शामिल होने के कारण वे दिल्ली की बैठक में शामिल नहीं हो सके।