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लोकसभा चुनाव से पहले किसानोंं नं बुलंद की आवाज, बोले- किसान ही तय करेंगे नई सरकार

locationजबलपुरPublished: Mar 28, 2019 07:09:00 pm

Submitted by:

abhishek dixit

‘पत्रिका टॉक शो’ में किसानों ने कहा- लोकसभा चुनाव में अन्नदाता की उपेक्षा बनेगा मुद्दा

Loksabha chunav

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सिहोरा. सबका पेट भरने वाला किसान समाज में सबसे उपेक्षित है। आजादी के बाद से किसी भी सरकार ने अन्न उपजाने में की गई मेहनत का हक नहीं दिया। सन 1971 के बाद महंगाई में तीन सौ गुना बढ़ोत्तरी का लाभ कर्मचारी, व्यापारी को तो मिला, लेकिन किसान इस लाभ से अछूता है। इस बार के लोकसभा चुनाव में किसानों की उपेक्षा दूर करने की मांग प्रमुख मुद्दा बनेगा। यह बात सिहोरा में ‘पत्रिका टॉक शो’ में शामिल किसानों ने कही।

मझौली बायपास तिराहा स्थित भारत कृषक समाज सिहोरा-मझौली तहसील कार्यालय में आयोजित टॉक शो में किसानों ने अपनी बात खुलकर रखी। किसान रामगोपाल पटेल ने कहा कि तीन सौ प्रतिशत महंगाई की भरपाई हो इसके लिए आने वाली सरकार स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करे। लोकसभा चुनाव में यह रिपोर्ट लागू करना प्रमुख चुनावी मुद्दा रहेगा। किसान छोट पटेल का कहना था कि किसान को गेहूं और धान का दाम कम से कम तीन हजार रुपए प्रति क्ंिवटल मिलना चाहिए। किसान को उसकी लागत का आधा मूल्य भी नहीं मिल रहा है। किसान सुशील पटेल ने कहा कि दलहनी फसल चना, मूंग, उड़द, मसूर का लागत दाम नहीं मिलने से इन फसलों की पैदावार घाटे का सौदा बन गई है। यही कारण है कि इस साल दोनों तहसीलों में दहलन का रकबा एक चौथाई रह गया है।

किसान राहुल श्रीवास्तव का कहना था कि किसानों को खेती के संसाधन खाद-बीज सरकार सस्ते दामों में उपलब्ध कराएं। किसान आनंद पटेल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की व्यवस्था सुचारू नहीं है। थ्री फेज बिजली नहीं मिलने से किसान साल भर परेशान रहता है, जिसमें सुधार की जरूरत है। पान उत्पादक किसान उमाशंकर चौरसिया ने कहा कि पान की पैदावार नकदी फसल है, लेकिन पान उत्पादक किसानों को सरकार से कोई मदद नहीं मिलने से इसकी पैदावार दिनोंदिन घटती जा रही है। किसान प्रहलाद पटेल, प्रताप पटेल, सतीश यादव, इंद्र कुमार आदि का कहना था कि किसान को उसका हक दिलाने किसान आयोग बने, जिसके सदस्य किसान प्रतिनिधि हों।

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