लिहाजा संगठन ने डॉ मुखर्जी की गुलौआताल पर लगी प्रतिमा की ओर झांकने की भी कोशिश नहीं की। यह प्रतिमा पूर्व मेयर डॉ.स्वाति गोडबोले के कार्यकाल में लगी थी। अब जब भाजपा के लोगों ने उस प्रतिमा से किनारा कस लिया तो पूर्व मेयर काफी दुःखी हुईं। कहा कि संगठन को प्रतिमा के समक्ष कार्यक्रम करना चाहिए। वहीं संगठन ने साफ किया कि कार्यक्रम कहां होगा ये संगठन स्तर पर तय होता है।
बता दें कि तकरीबन दो साल पहले गुलौआताल पर तत्कालीन मेयर डॉ.स्वाति गोडबोले ने डॉ.श्यामाप्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा स्थापित करवाई। बताया जा रहा है कि उस वक्त संगठन से प्रतिमा के स्थापना को लेकर कोई राय मशविरा नहीं हुआ। ऐसे में लोकार्पण से भी संगठन के लोगों ने दूरियां बनाईं थीं। तब महापौर और चुनिंदा पार्षदों की मौजूदगी में लोकार्पण हो गया था। उसके बाद से भाजपा संगठन की इस स्थल से दूरियां बढती ही गईं। सोमवार को शहर भर में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती धूम-धाम से मनाई गई। सौ से अधिक स्थलों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। लेकिन गुलौआताल की प्रतिमा के आसपास बहुत भीड़ नहीं जुट सकी।
नगर संगठन ने भी पार्टी कार्यालय में मुख्य कार्यक्रम किया। वहीं सुभद्रा कुमारी चौहान वार्ड में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व मंत्री शरद जैन, लवलीन आनंद और विशाल दत्त के साथ पूर्व महापौर डॉ.स्वाति गोडबोले भी पहुंचीं। यहां उन्होंने कहा कि संगठन को गुलौआताल में कार्यक्रम करना चाहिए था सिर्फ मेरे द्वारा प्रतिमा लगवाने की वजह से वहां संगठन के लोग महत्व नहीं दे रहे हैं।
मैं महापौर पूर्व हो चुकी हूं इसलिए कुछ नहीं बोल रही हूं। यदि महापौर रहती तो जरूर संगठन से कार्यक्रम स्थल को लेकर चर्चा करती। मैंने कार्यक्रम में शामिल लोगों से चर्चा के दौरान अपनी राय व्यक्त की। ये अलग बात है कि इस पर कितना असर होता है।-डॉ.स्वाति गोडबोले, पूर्व महापौर
पार्टी ने 98 स्थानों पर कार्यक्रम किए हैं। पूर्व महापौर क्या कहती हैं इससे संगठन को फर्क नहीं पड़ता है। कार्यक्रम कहां होगा ये संगठन तय करता है। गुलौआताल पर लगी प्रतिमा पर मंडल अध्यक्ष ने माल्यार्पण किया है।-जीएस ठाकुर, नगर अध्यक्ष भाजपा