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BJP MLA के लेटर बम से MP में मचा हड़कंप

locationजबलपुरPublished: Aug 17, 2021 12:30:44 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-एमपी के एक मात्र मेडिकल यूनिवर्सिटी से जुड़ा है मामला-BJJP MLA ने मुख्यमंत्री को भेजा है पत्र, ट्वीट कर दी जानकारी

बीजेपी विधायक विश्नोई, मेडिकल यूनिवर्सिटी और सीएम चौहान

बीजेपी विधायक विश्नोई, मेडिकल यूनिवर्सिटी और सीएम चौहान

जबलपुर. मध्य प्रदेश की इकलौती मेडिकल यूनिवर्सिटी का विवादों से गहरा नाता बन गया है। पत्रिका की मुहिम के बाद हाल ही में इस यूनिवर्सिटी में बड़ी कार्रवाई हुई। खास तौर से परीक्षा विभाग से जुड़े स्टॉफ से लेकर कुल सचिव तक पर गाज गिरी। लेकिन हालात नहीं सुधरे। ऐसे में अब BJJP MLA ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजने के साथ ही मामले से जुड़ी जानकारी ट्वीट कर कर हड़कंप मचा दिया है।
https://twitter.com/ChouhanShivraj?ref_src=twsrc%5Etfw
हालांकि बीजेपी विधायक अजय विश्नोई ने मार्च में ही यह पत्र मुख्यमंत्री को भेजा था। अब जब विश्वविद्यालय के कुलपति ने पद त्याग कर दिया है तो विश्नोई ने उस पत्र को ट्वीट कर दिया जिसे लेकर प्रदेश भर में फिर से हंगामा खड़ा हो गया है। बीजेपी विधायक ने इस पत्र में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। विधायक के मुताबिक 2011 में प्रदेश स्तरीय मेडिकल यूनिवर्सिटी की स्थापना जबलपुर में इस सोच के तहत की गई थी, कि वह अपना आर्थिक पोषण स्वयं कर सके। विश्वविद्यालय के पास करोड़ों रुपए जमा है। चार साल पहले तत्कालीन प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग भोपाल ने 80 करोड़ रुपए विभिन्न शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों को नियम विरुद्ध दे दिए। एक बार फिर इस राशि से और पैसे निकालने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि स्वयं के अधूरे भवन निर्माण के लिए विवि को अपनी ही राशि निकालने की शासन से अनुमति नहीं मिल पा रही।
उन्होंने कहा है कि मेडिकल यूनिवर्सिटी में न समय से परीक्षाएं हो रही हैं और न परिणाम आ रहे हैं। यूनिवर्सिटी की डिग्री भी एक वर्ष के विलंब से मिल रही है। आयुष के छात्र अगले वर्ष की परीक्षा में पिछले वर्ष की परीक्षा परिणाम जाने बिना बैठ रहे हैं। नर्सिंग की परीक्षाएं और परिणाम की देरी का आलम ये है, चार साल की डिग्री पांच साल में और 5.5 साल की डिग्री 07 साल में मिल पा रही है। यूनिवर्सिटी अब तक अंकसूची और डिग्री ऑनलाइन आवेदन पर नहीं उपलब्ध करा पाई है। प्रदेश के दूरस्थ स्थानों से छात्र यहां आते है और भ्रष्टाचार के शिकार होते हैं।
विधायक विश्नोई ने पत्र में दावा किया, सभी परेशानियों की वजह यूनिवर्सिटी में सक्षम अधिकारी व स्टॉफ का अभाव है। यूनिवर्सिटी में कुल स्वीकृत 275 पदों में से महज 75 पद ही भरे गए हैं। इसमें भी अधिकतर आउटसोर्स से। यूनिवर्सिटी की स्थापना के बाद से अब तक रेक्टर का पद नहीं भरा गया है। अलग-अलग संकायों के हेड/विभागाध्यक्ष नहीं बनाए गए हैं। यूनिवर्सिटी कोर्ट की स्थापना तक नहीं हुई है। इस कोर्ट में 4 विधायकों का स्थान भी सुरक्षित रहता है। रजिस्ट्रार के पद पर पिछले 7 वर्षों से अनुभवी प्रोफेसर या समकक्ष प्रशासनिक क्षमता वाले व्यक्ति की पदस्थापना नहीं हो पाई।
विश्नोई ने आरोप लगाए हैं, रजिस्ट्रार का प्रभार दागी आयुष डॉक्टर जेके गुप्ता को दिया गया है। डॉक्टर गुप्ता के खिलाफ आयुष विभाग में जांच पूरी होकर कार्रवाई के लिए लंबित है, जिसे कांग्रेस शासन काल में दबा दिया गया था। दावा किया है, इस पद पर कार्य कर रहे डिप्टी रजिस्ट्रार सुनील खरे को यूनिवर्सिटी से कार्यमुक्त कर दिया गया है। खरे एक कुशल प्रशासक थे। पिछले 7 वर्षों से उनके कंधे पर ही यूनिवर्सिटी का भार था।
विधायक ने सीएम को लिखे पत्र में डॉ तृप्ति गुप्ता पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। कहा है कि मेडिकल यूनिवर्सिटी में गोपनीय विभाग का प्रभार संभाल रही डॉ तृप्ति गुप्ता मूलत: मेडिकल कॉलेज जबलपुर की बायोकेमिस्ट्री विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर हैं। डॉक्टर तृप्ति गुप्ता पूर्व में भी आयुर्विज्ञान यूनिवर्सिटी का प्रभार संभाल चुकी हैं। उनके खिलाफ कई शिकायतें थीं। उन्होंने नियम विरूद्ध जाकर छात्रों का रिवेल्युवेशन कराया था। उनके नंबर बढ़वा कर पास कराया था। इस शिकायत पर उनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त कर दी गई थी। बावजूद डॉक्टर तृप्ति गुप्ता को फिर से गोपनीय विभाग का कार्य सौंप दिया गया। गोपनीय विभाग में अनाधिकृत रूप से डॉक्टर तृप्ति गुप्ता के पति, जो स्वंय मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं, अक्सर बैठे रहते हैं। गोपनीय दस्तावेजों का अवलोकन करते रहते हैं।
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