विश्नोई ने बताया कि मध्यप्रदेश में वाटर स्पोर्ट्स का नोड भोपाल के बड़े तालाब को बनाया गया है। कहा कि जबलपुर शहर में समघाट के स्थान को भोपाल के वाटर स्पोर्ट्स नोड का फीडर नोड बनाया जा सकता है। शहर में गौर नदी पर लगभग नौ किलोमीटर का जल स्त्रोत है, जबकि फीडर नोड बनाने के लिए 300 फीट चौड़े और ढाई किलो मीटर लंबे जल श्रोत की ही जरूरत होती है। ऐसे में समघाट क्षेत्र को भोपाल के वाटर स्पोर्ट्स नोड का फीडर नोड बनाने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
बताया कि इस स्थान पर अभ्यास करके सेना के जवान, राष्ट्रीय स्तर पर 50 से ज्यादा पदक जीत चुके हैं। इसमें स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक शामिल हैं। सेना के जवानों को कोचिंग दे रहे विनोद भी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुके हैं।
विश्नोई ने कहा कि 2009 में ही इस मसले पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से चर्चा की थी। उसके बाद उन्ही की पहल पर भोपाल की पुरानी नौकाओं को जबलपुर सेना को सौंपा गया था। उन्हीं पुरानी नौकाओं को अपग्रेड कर सेना ने कोसमघाट के इस जल श्रोत में अभ्यास शुरू किया था। बाद में सेना ने खुद की नौकाएं और मशीन खरीदी। भाजपा विधायक ने बताया कि सेना के अफसर भी जबलपुर में गौर नदी पर मध्यप्रदेश वाट्र स्पोर्ट्स का फीडर नोड बनाने की मांग कर चुके हैं। सेना यह भी अनुरोध कर चुकी है कि शहर और प्रदेश के युवा और एनसीसी के कैडेट्स को नौकायन का प्रशिक्षण देंगी, ताकि वो वाटर स्पोर्ट्स में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पदक जीतकर मध्यप्रदेश का नाम रोशन कर सकें।