सिहोरा की खदानें सील
पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता संजय पाठक की हॉर्स ट्रेंडिंग में भूमिका से नाराज़ सरकार ने सिहोरा की खदानें सील कर दी है. अफसरों ने बताया कि दिनांक 04-03-2020 सर्वोच्च न्यायालय के अनुपालन में जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील के ग्राम अगरिया खसरा नंबर 1093 और दुबियारा खसरा नंबर 628/1, पर मैसर्स निर्मला मिनरल्स को स्वीकृत आयरन ओर की खदानों को पुनः बन्द करने के आदेश जारी कर दिया गया है। उल्लेखनीय हैं कि वनमंडलाधिकारी जबलपुर के पत्र दिनांक 07-06-2019 अनुसार उक्त भूमियो के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 03-05-2019 को आदेश पारित कर खनन बंद करने निर्देशित किया है। उक्त आधार पर कलेक्टर जबलपुर द्वारा आदेश दिनांक 10-06-2019 जारी कर खनन पर रोक लगा दी गई थी। पट्टेदार द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन पर तथा माननीय महाधिवक्ता से प्राप्त अभिमत के आधार पर कलेक्टर द्वारा अपने आदेश दिनांक 13-08-2019 से स्थगन आदेश जारी कर अपने पूर्व आदेश दिनांक 10-06-2019 पर रोक लगा दी गई।
तीन खदानों पर भी नजर
सिहोरा में 130 एकड़ क्षेत्रफल में आयरन ओर की दो खदानें सील करने के बाद तीन अन्य खदानों पर भी शासन की कड़ी नजर है। इन खदानों में किसी प्रकार की अनियमितता तो नहीं हो रही है, इसकी जांच शासन का दल कर सकता है। इसी प्रकार जिला प्रशासन ने 4 मार्च को हुई कार्रवाई की रिपोर्ट शासन को भेज दी है। अब वहां से निर्देश पर अगली प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
विधायक पाठक की सिहोरा तहसील के अंतर्गत पांच आयरन ओर की खदानें चल रही है। इनमें दो मेसर्स निर्मला मिनरल्स नाम से अगरिया और दुबियारा में चल रही हैं। वन विभाग ने खदान की जगह को वन भूमि बताकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। कोर्ट उसी आधार पर खनन पर रोक लगाई गई थी। इस बीच मेसर्स निर्मला मिनरल्स के अभ्यावेदन और महाधिवक्ता कार्यालय से अभिमत लेकर खनन की अनुमति दी गई थी।
245 एकड़ में संचालित हैं खदान
विधायक पाठक की सिहोरा में पांच स्वीकृत खदानें हैं। इनमें दो अगरिया और दुबियारा में हैं। इनका रकबा लगभग 130 एकड़ है। यह उनकी मां निर्मला मिनरल्स के नाम से चल रही हैं। सूत्रों ने बताया कि तीन खदान भी उसी क्षेत्र में है। गुगरी में भी निर्मला मिनरल्स नाम से करीब 21 एकड़ में खदान है। वहीं प्रतापपुर और टिकरिया में आनंद माइनिंग नाम से क्रमश: 28 और 64 एकड़ में खदान हैं।
हर दिन 3 से 4 हजार टन का उत्पादन
सभी खदानों से रोजाना तीन से चार हजार टन आयरन ओर का खनन किया जाता है। सालाना 10 से 11 लाख टन का खनन होता है। इनकी सप्लाई प्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़ के रायपुर एवं महाराष्ट्र के कुछ जिलों में की जाती है।
अगरिया और दुबियारा में संचालित खदानों को सील करने की कार्रवाई के संबंध में प्रतिवेदन शासन को भेज दिया गया है। क्षेत्र में कुछ और खदानें हैं जो विवाद के कारण बंद हैं, उन्हें निरस्त करने का प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है।
– भरत यादव, कलेक्टर