अस्पताल प्रबंधन के अनुसार पांच मरीज इलाज के उपरांत घर चले गए हैं। इस समय करीब सात मरीजों का ऑपरेशन हो चुका है। यह मरीज इंजेक्शन और दवाइयां लेकर अस्पताल में इलाज ले रहे हैं। वहीं सात मरीजों का शीघ्र ही ऑपरेशन किया जाएगा। बताया गया कि अभी तक दो मरीजों की आंख निकालने की आवश्यकता पड़ी है।
ऑपरेशन में जबलपुर हॉस्पिटल की टीम के मेक्सिलेफेशियल सर्जन डॉ. राजेश धीरावाणी, डॉ अंकित शर्मा, मेक्सिलेफेशियल सर्जन डॉ अनिरुद्ध शुक्ला, ईएनटी सर्जन डॉ मुकेश खत्री, नेत्र विशेषज्ञ डॉ बहरानी, डॉ परिमल स्वामी, डॉ प्रतीक्षा पिपलेकर, डॉ अमरजीत गुजराल, क्रिटिकल केयर के डा. राजन राय, डॉ राजीव दुग्गल, डॉ दीपमाला, डा. शिवरहरे, किडनी रोग विशेषज्ञ एवं निश्चेतना रोग विशेषज्ञ ने सहयोग किया।
लक्षण दिखते ही तुरंत चिकित्सक से करें संपर्क
ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) के लक्षण दिखाई देते ही पीडि़त मरीज को तत्काल विशेषज्ञ चिकित्सकों से संपर्क करने की सलाह दी जाए। ऐसा करने पर इलाज आसानी से हो सकेगा। यह सुझाव शहर के चिकित्सा विशेषज्ञों ने कलेक्टर कर्मवीर शर्मा द्वारा बुलाई गई बैठक में दिए गए। उन्होंने बताया कि शहर में मेडिकल अस्पताल के साथ-साथ कुछ निजी अस्पतालो में इलाज की सुविधा है। शहर में इस बीमारी के इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाइयां भी उपलब्ध हैं।
कलेक्ट्रेट में आयोजित बैठक में वरिष्ठ चिकित्सकों एवं नेत्र रोग विशेषज्ञों के साथ कलेक्टर ने विस्तार से चर्चा की। शर्मा ने बैठक में ब्लैक फं गस की बीमारी को रोकने कारगर रणनीति बनाने पर जोर दिया गया। साथ ही इसके उपचार एवं सर्जरी के लिए अस्पतालों को एडवाइजरी जारी करने की बात कही गई तथा जरूरी दवाओं की उपलब्धता की जानकारी ली गई। बैठक में इस बीमारी को रोकने के लिए क्या सावधानी बरती जाना चाहिये इस पर ध्यान देने की जरूरत बताई।
पोस्ट कोविड बीमारी है
बैठक में बताया गया कि ब्लैक फ ंगस पोस्ट कोविड बीमारी है। जबलपुर में इसके उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज जबलपुर में पृथक वार्ड बनाया गया है। आंखों की इस बीमारी के उपचार के लिए जबलपुर में पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध है। कलेक्टर ने बैठक में दवाओं की उपलब्धता निरंतर बनाएं रखने पर जोर दिया। बैठक में अपर कलेक्टर हर्ष दीक्षित, डॉ. जीतेन्द्र जामदार, डॉ राजेश धीरावाणी, डॉ शैलेन्द्र राजपूत, निजी अस्पतालों के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी डॉ. संजय छत्तानी, डॉ. विवेक दीवान, डॉ. मोहंती, डॉ. कविता सचदेवा, मेडीकल कॉलेज के डॉ. अनिरूद्ध शुक्ला, डॉ अखिलेश श्रीवास्तव, डॉ. नितिन अडगांवकर, औषधि निरीक्षक मनीषा धुर्वे तथा अनिल नंदवानी मौजूद थे।