वैक्सीन की आपूर्ति से पहले स्वास्थ्य विभाग ने मैक्स हेल्थ केयर इंस्टीट्यूट के बारे में छानबीन की। जांच में इस नाम का कोई अस्पताल रिकॉर्ड में पंजीबद्ध ही नहीं मिला। इससे वैक्सीन खरीद में गड़बड़ी की आशंका बन गई है। दरअसल, प्रदेश के छह निजी अस्पतालों ने सीरम इंस्टीट्यूट से वैक्सीन खरीदी का ऑर्डर दिया था। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित अस्पतालों में वैक्सीन भंडारण के लिए कोल्ड चेन और अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी स्वास्थ्य अधिकारियों से मांगी थी।
इस मामले में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. शत्रुघन दाहिया ने बताया कि 25 मई को भोपाल से आए आदेश के बाद मैक्स हेल्थ केयर इंस्टीट्यूट लिमिटेड के बारे में शहर में छानबीन की गई। इसका कोई पता नहीं चला तो सीएमएचओ कार्यालय में जिले में पंजीकृत सभी अस्पतालों के नाम खंगाले गए। इसमें मैक्स हेल्थ केयर नाम से जिले में कोई अस्पताल पंजीकृत नहीं मिला। यह जानकारी उसी दिन भोपाल भेज दी गई। वहीं, इस मामले में सीरम इंस्टीट्यूट से अस्पताल के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी गई है। हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। स्वास्थ्य विभाग भी जांच में जुटा हुआ है।
वैक्सीन आबादी केस के आधार पर
केंद्र सरकार ने मंगलवार को नई टीका नीति की गाइडलाइन जारी की है। इसके अनुसार राज्यों को स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि यदि टीकों की बर्बादी हुई तो सप्लाई पर इसका नकारात्मक असर पड़ेगा। साथ ही राज्यों को आबादी, कोरोना के मामले और टीकाकरण के गति के आधार पर वैक्सीन का आवंटन होगा। नई नीति 21 जून से लागू होगी। इसके अनुसार, राज्यों को टीकाकरण केंद्रों पर ऑन साइट रजिस्ट्रेशन करना होगा। बुकिंग के लिए भी राज्य कॉमन सर्विस सेंटर या कॉल सेंटर शुरू कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा था कि केंद्र सरकार अब 18 प्लस आयु वर्ग के लोगों को भी मुफ्त टीके उपलब्ध कराएगी। राज्यों को अपने स्तर पर खरीद नहीं करनी होगी।