ज्यादा कीमत, फिर भी नकली
आमतौर पर उपभोक्ता हाइजीन और शुद्धता के फेर में डिब्बा बंद और ब्रांडेड कंपनी के उत्पाद खरीद रहे हैं। इसके लिए अधिक कीमत चुका रहे है। लेकिन अधिक लाभ के लालच में कारोबारी मिलावट से लेकर नकली वस्तु बेच रहे हैं।
प्रशासन की कार्रवाई में खुलासा
1. कृषि उपज मंडी में फल गोदामों की जांच की गई। इसमें प्रतिबंधित कार्बाइड से पपीता और आम पकाते मिले।
2. नामी रेस्टोरेंट्स में एक्सपायरी डेट का सॉस, पांच दिन पुरानी ब्रेड की सेंडविच, फफूंद वाले मसाले का स्वीट कॉर्न।
3. ब्रांडेड कंपनी के रिटेल आउटलेट में मिस ब्रांडेड डिब्बा बंद स्प्राउट और मशरुम।
4. खाद-बीज की दुकान में जांच के दौरान नकली रसायनिक उर्वरक।
5. गंजीपुरा में जांच में कुछ दुकानों में ब्रांडेड कंपनी के नकली लिपिस्टक, काजल, पाउडर, क्रीम व अन्य ब्यूटी प्रोडेक्ट।
(नोट: एक सप्ताह में छापेमारी में मिले प्रकरण।)
बढ़ा संदेह
दूध, घी, ब्रेड, नूडल्स, कोल्ड ड्र्रिंक्स में मिलावट पहले सामने आ चुकी है। प्रशासन की कुछ दिनों में कार्रवाई के दौरान बाजार में बिक रही कई सामग्री संदिग्ध मिली है। इनमें चायना ट्रेडमार्क का संदिग्ध ब्लैक बीन्स, नामी फूड आउट लेट में संदिग्ध गुणवत्ता का पनीर, चिली फ्लैक्स, काला तेल मिलने और मैदा, बेसन, सॉस, बर्गर बंद के नमूने लिए जाने से ग्राहकों में क्वालिटी को लेकर संदेह और बढ़ गया है।
आंकड़ों की जुबानी
– 215 कुल नमूने एक साल में लिए
– 09 नमूने खाद्य सुरक्षा प्रशासन विभाग की जांच में फेल मिले
– 06 विक्रेताओं के विरुद्ध कोर्ट उठने तक सजा से लेकर एक साल तक जेल
– 06 विक्रेता बिना लायसेंस के खाद्य सामग्री बेचते मिले
– 04 खाद्य सामग्री जांच में मिस ब्रांडेड मिली
– 04 कारोबारी के विरुद्ध कॉपीराइट एवं ट्रेडमार्क एक्ट का प्रकरण
इनकी जांच
– 28 नमूने मसाला के
– 48 नमूने दूध एवं दुग्ध उत्पाद
– 22 नमूने पेय पदाथ (बेवेरेजेस)
– 07 नमूने वसा तेल व फैट इमुलसनस
– 58 नमूने दाल, अनाज एवं अनाज संबंधी उत्पाद
– 52 नमूने मिठाई और संबंधित उत्पाद
– 04 प्रकार से अधिक ब्यूटी प्रोडक्ट
– 01 नमूना रसायनिक उर्वरक का
(नोट: एक साल में लिए गए संदिग्ध सामग्री के नमूने)
स्वास्थ्य को नुकसान:
– एक्सपायरी डेट की खाद्य सामग्री से फूड प्वाइजनिंग।
– नकली उर्वरक के उपयोग से तैयार फसल घटिया।
– फल पकाने में कार्बाइड का उपयोग जानलेवा।
– नकली कॉस्मेटिक से स्किन इंफेक्शन, कैंसर।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी अमरीश मिश्रा के अनुसार खाद्य सामग्री में मिलावट और अमानक होने की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाती है। विभागीय स्तर पर भी अचानक जांच करके खाद्य सामग्री की गुणवत्ता जांची जा रही है। जांच में नमूने फेल होने पर नियमानुसार कार्रवाई होती है।
जबलपुर एसपी अमित सिंह ने बताया कि ब्रांडेड कंपनी के ट्रेडमार्क का अवैध तरीके से प्रयोग करके बाजार में नकली उत्पाद की बिक्री की शिकायत पर जांच कराई गई। गड़बड़ी मिलने पर कॉपीराइट और ट्रेडमार्क एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आरएस शर्मा ने बताया कि मिलावटी खाद्य सामग्री, नकली ब्यूटी प्रोडक्ट से सेहत को गंभीर नुकसान का खतरा होता है। इससे लीवर, हार्ट को नुकसान के साथ ही कैंसर जैसी घातक बीमारी हो सकती है।