जबलपुर

यहां के अफसर बड़े ‘खिलाड़ी, तोडफ़ोड़ पर फूंक देते हें करोड़ों

जबलपुर में फुटपाथ, डिवाइडर, रोटरी और नाली निर्माण में बदइंतजामी

जबलपुरJan 23, 2020 / 07:29 pm

shyam bihari

Damage Road

जबलपुर। ऊपर से तो नहीं दिखता। लेकिन, जबलपुर शहर के तमाम अफसर पैसों के मामले में गजब का खेल करते हैं। सड़क पर मनमाने ढंग से डिवाइडर का निर्माण फिर तोडफ़ोड़, चौराहों पर रोटरी, आईलैंड की डिजाइन के निर्माण में बार-बार प्रयोग, फुटपाथ पर लगे पेवर ब्लॉक को हटाकर नए पेवर ब्लॉक लगाने के नाम पर सरकारी खजाने से करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो ऐसे एक-दो प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि ढेरों काम हैं, जिन पर निगम प्रशासन बार-बार पैसे खर्च कर रहा है। निगम के गलियारों में यह कहावत आम हो गई है कि निजाम बदलते ही विकास के पैमाने बदल जाते हैं। पिछले दो दशकों में जब भी महापौर और निगमायुक्त बदले, शहर के अधिकतर चौराहों, सड़कों और फुटपाथ का स्वरूप बदलने को लेकर प्रयोग ही होते रहे हैं। शहर में 17 करोड़ की लागत से 35 किमी क्षेत्र में फु टपाथ बनाया जा रहा है। लेकिन, इसकी चौड़ाई में कहीं भी एकरूपता नहीं है। गोरखपुर में सड़क की चौड़ाई के बराबर फु टपाथ बनाया गया है। सिविल लाइन क्षेत्र में कई स्थान पर सर्पिलाकार फुटपाथ बनाए गए हैं।
दो साल में बनी रोटरी
छोटी लाइन चौराहे से रेल की पटरी हटाने के बाद लम्बे समय तक रोटरी बनाने के लिए प्रयोग चलता रहा। बमुश्किल दो साल में रोटरी का निर्माण हो सका। इस दौरान कई बार रोटरी को तोड़ा गया। गोरखपुर-ग्वारीघाट मार्ग स्थित बंदरिया तिराहे पर भी प्रयोग जारी है। पहले यहां डिवाइडर की लम्बाई बढ़ाई गई। फिर ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए। यहां लेफ्ट टर्न के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। अब यहां आईलैंड विकसित किया जा रहा है।

गोलबाजार स्थित शहीद स्मारक में दो दशक में चार बार नाली का निर्माण हो चुका है। लेकिन, अभी तक यहां के ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त नहीं किया जा सका है। आए दिन सड़क पर नाली का पानी भर जाता है। बारिश के सीजन में पूरा इलाका तालाब में तब्दील हो जाता है। स्मार्ट सिटी योजना के तहत फिर से यहां सड़क और ड्रेनेज सिस्टम का विकास किया जाना है।
डिवाइडर बनाया, अब तोडऩे की तैयारी
घंटाघर-करमचंद चौक मार्ग पर बड़ी ओमती में छह साल पहले निगम ने डिवाइडर बनवाया था। अब उसे तोडऩे की तैयारी की जा रही है। प्रशासन की महत्वपूर्ण बैठकों में मंत्री और प्रशासनिक अधिकारी भी डिवाइडर को तोडऩे क ी बात कह चुके हैं।
नगर निगम आयुक्त आशीष कुमार विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे। निगम के इंजीनियरों को दूरदर्शिता के साथ विकास कार्य कराने के निर्देश दिए जाएंगे, जिससे एक ही काम पर बार-बार राशि खर्च न हो।

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