बुरा फंसा नामी बिल्डर, दस्तावेज और नामांतरण की होगी जांच
– बिल्डर के दस्तावेज और नामांतरण की होगी पड़ताल, एसपी बंगले की जमीन की रजिस्ट्री का मामला, एडीजे कोर्ट में पुलिस पेश कर चुकी है अपना पक्ष 12 दिसम्बर को होगी अगली सुनवाई
Illegal builders will fall, city council is preparing a list
जबलपुर . पुलिस के पास बिल्डर पर फर्जीवाड़े का प्रकरण दर्ज करने के उसके पास पर्याप्त साक्ष्य हैं। पुलिस कोर्ट के निर्णय तक प्रतीक्षा में है। जानकारी के अनुसार बिल्डर ने इसी कानूनी पचड़े से बचने के लिए पूर्व में हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान समझौता करने की पेशकश भी की थी। साउथ सिविल लाइंस स्थित एसपी बंगले के 3900 वर्गफीट हिस्से की वर्ष 2003 में रजिस्ट्री कराने वाला समदडिय़ा बिल्डर इस मामले में कानूनी शिकंजे में फंस सकता है। एडीजे कोर्ट में 14 नवम्बर को हुई पिछली सुनवाई में पुलिस की ओर से हाईकोर्ट व लोअर कोर्ट के आदेश की प्रतिलिपि पेश की जा चुकी है। अगली सुनवाई 12 दिसम्बर को नियत है। पुलिस इसके समानांतर इस मामले की पूरी पड़ताल कर चुकी है।
पुलिस की ओर से प्रकरण में समझौता करने से इनकार और वहां से दावा खारिज होने के बाद ही उसने नए सिरे से एडीजे कोर्ट में परिवार दायर किया। इन बिंदुओं पर पुलिस की पड़ताल -वर्ष 1993 में बंगले का 3900 वर्गफीट हिस्सा कैसे राजस्व रिकॉर्ड में अलग खसरा नम्बर में दर्ज हुआ।-इस जमीन की रजिस्ट्री व नामांतरण आदेश किसने और किसकी अनुमति पर जारी किया।-उस समय के पटवारी-लेखपाल की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।-राजस्व विभाग ने अभी तक इससे सम्बंधित कोई रिकॉर्ड पेश नहीं कर पाया। यह है मामला-समदडिय़ा बिल्डर ने एसपी बंगले के 3900 वर्गफीट हिस्से की 2003 में रजिस्ट्री करा ली थी। 2005 में इस पर कब्जा दिलाने का उसने कोर्ट में प्रकरण लगाया, तब पुलिस को जानकारी हुई। पुलिस ने प्रकरण को कोर्ट में चुनौती दी। लोअर कोर्ट व हाईकोर्ट से बिल्डर का दावा खारिज हो चुका है। उसने एडीजे अयाज खान की कोर्ट में नए सिर से परिवार दायर किया है। एसपी के मुताबिक बिल्डर ने तथ्यों को छिपाकर परिवार दायर की है। फिलहाल मामला कोर्ट में लम्बित है।