जबलपुर

बड़ी खबर: आसमान में ऐसी चमकी बिजली की हिल गईं पूरे शहर की बिल्डिंग और फिर…

बड़ी खबर: आसमान में ऐसी चमकी बिजली की हिल गईं पूरे शहर की बिल्डिंग और फिर…

जबलपुरJul 18, 2018 / 08:18 am

Lalit kostha

Woman dies celestial lightning in bhilwara

जबलपुर. रोजाना बिजली कडक़ रही है। ऐसे में शहर आकाशीय बिजली से खतरा चर्चा का विषय बन गया है। पुलिस के रेडियो टावर पर बिजली गिरने के बाद वायरलेस सिस्टम ठप हो गया था। शहर इस तरह के खतरे से बचने के लिए कितना तैयार है इसकी पड़ताल की तो पता लगा कि सरकारी भवनों में तडि़त चालक लगाया गया है। लेकिन ऊंची इमारतें बना रहे ज्यादतर बिल्डर इसे नजरअंदाज कर रहे हैं। उनक ी प्रोजेक्ट लागत के मुकाबले भवन में तडि़त चालक लगाने का खर्चा नगण्य है। 4 मंजिल से ज्यादा ऊं चा भवन होने पर खर्च 15 से लेकर 25 हजार के लगभग आता है।

news fact-

मामूली खर्च पर पुख्ता सुरक्षा
ऊंची इमारतों में नहीं तडि़त चालक
बिजली कडकऩे पर सहम रहे लोग

लगाना आसान
जानकारों के अनुसार भवनों में तडि़त चालक की स्थापना आसान है। किसी भी स्ट्रक्चर इंजीनियर या इलेक्ट्रीशियन की मदद लेकर एक से चार मंजिल तक के भवन में महज पांच से लेकर दस हजार रुपए तक के खर्च पर तडि़त चालक लगाया जा सकता है। इसके लिए एक चालक धातु की छड़ भवन के सबसे ऊ परी हिस्से में लगाई जाती है। जिसका सबसे ऊपरी सिरा नुकीला होता है। जिसे कं डक्टर (कॉपर) के जरिए जमीन में अर्थिंग प्लेट से जोड़ दिया जाता है। अर्थिंग प्लेट के लिए जमीन 3-4 फीट गड्ढा में कोयला-नमक डालकर स्थापित किया जाता है। आकाशीय तरंगें बादलों की टकराहट से उत्पन्न होती है, फिर बिजली जब भवन पर गिरने वाली होती है तो तडि़त चालक के माध्यम से होती हुई जमीन में चली जाती है और भवन को नुकसान नहीं पहुंचता है।

इन भवनों में लगा है
– कलेक्ट्रेट
– एसपी कार्यालय
– नगर निगम

– शक्ति भवन (बिजली विभाग कार्यालय)
– पुलिस कं ट्रोल रूम
– हाईकोर्ट भवन
– जिला कोर्ट नया व पुराना भवन
– उपभोक्ता फोरम कार्यालय
– आयुध निर्माणी फै क्ट्रियों में
– आरटीओ कार्यालय

तडि़त चालक की स्थापना स्ट्रक्चर इंजीनियर या इलेक्ट्रीशियन की मदद लेकर की जा सकती है। 4 मंजिल तक के भवन में इसे लगाने का अधिकतम 10 हजार रुपए आता है।
– इंजी. संजय वर्मा, सचिव, प्रेक्टिसिंग इंजीनियर एसोसिएशन

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