किचिन शेड रखना होगा दूर- शाला भवन से किचिन शेड को दूर निर्मित किया जाना होगा ताकि अग्नि संबंधित दुर्घटना से छात्र सुरक्षित रहें। किचिन के कीटाणु रोधीतरल से नियमित सफाई, दरवाजे पर मच्छररोधी जाली होनी आवश्यक होगी। क्लासरूम में नियमित अंतराल में व्हाइटवास कराना आवश्यक होगा तो वहीं खिड़कियों के कांच टूटे फूटे नहीं होंगे। स्कूल की बाउंड्रीवाल फेंसिग से सुरक्षित होनी चाहिए।
विद्युत घटना के लिए प्राचार्य होंगे जिम्मेदार- स्कूल में यदि कोई बिजली हादसा होता है तो इसके पूर्ण जिम्मेदार स्कूल के प्रधानाध्यापक एवं प्राचार्य होंगे। इसके लिए बिजली वायर, प्वाइंट आदि खुले अथवा लूज नहीं होंगे। स्कूलों में लगे वृक्ष की डगलो एलटी लाइन से टच होने सेबचाने के लिए समय समय पर कांट छांट कराने, बिजली के पोलों को न छूने के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे।स्वच्छता के लिए निर्देश-
स्कूल में पानी की सुरक्षित और पर्याप्त व्यवस्था रखनी होगी। पेयजल स्त्रोत शौचालय की 10 मीटर की दूरी से कम नहीं होना चाहिए। पानी की गुणवत्ता की समय समय पर जांच कराई जानी होगी। इसी तरह छात्र और छात्राओं के लिए अलग से शौचालय होना आवश्यक होगा। बालिकाओं, दिव्यांग छात्रों हेतु अनकूल तथा सुरक्षा एवं निजता को ध्यान में रखना होगा।
स्टाफ की जिम्मेदारी की तय -सामाजिक सुरक्षा हेतु समन्वय बनाकर काम करना -शिक्षकों का बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार -प्राचार्य और हेड सुरक्षा व्यवस्था जांचेगे -शिक्षकों की समय समय पर ट्रेनिंग दी जाए
-अभिभावकों के साथ लगातार संपर्क में रहना