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एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर बरसी लाठियां

locationजबलपुरPublished: Aug 05, 2019 10:29:29 pm

Submitted by:

Mayank Kumar Sahu

आंसू गैस के गोले छोड़, कई कार्यकर्ता हुए घायल प्रोफेसर पर हमला और गुंडागर्दी को लेकर कलेक्ट्रट का घेराव करने पहुंचे थे कार्यकर्ता, पुलिस ने भांजी लाठियां, 15 कार्यकर्ता हुए घायल, पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गय, छात्राओं को भी नही बख्शा

Burnt sticks on ABVP workers, 15 student injured

Burnt sticks on ABVP workers, 15 student injured

जबलपुर।
कलेक्ट्रेट के घेराव करने पहुंचे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकताओं पर पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी। कार्यकर्ताओं को दौड़ा दौड़ाकर पीटा गया। कई कार्यकर्ताओं को जहां घातक चोटें आई तो वहीं एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ता घायल हो गए। प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े तो वहीं पम्प गन के द्वारा पानी की बौछार की गई। विदित हो कि साइंस कॉलेज में प्राध्यापक के साथ एनएसयूआई द्वारा मारपीट किए जाने एवं अभाविप कार्यकर्ताओं पर झूठा मामला दर्ज किए जाने के विरोध में सोमवार को अभाविप कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर के घेराव करने का निर्णय लिया था। प्रदर्शन को देखते हुए पहले ही पुलिस बल की तैनाती कर दी गई। कार्यकर्ताओं को घंटाघर के पास बेरिकेट लगाकर रोक दिया गया। कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीके से मामले की शिकायत कर ज्ञापन देने पहुंचे थे। वहीं दूसरी और इस मामले में पुलिस प्रशासन ने 35 छात्रों के विरूद्ध 353, 186, 323,427,323,336,506,147,148,149 आदि विभिन्न धाराओं के तहत मामला कायम किया गया है।
पथराव से बनी स्थिति
पुलिस प्रशासन का कहना है कि कार्यकर्ताओं द्वारा पथराव किए जाने की घटना के बाद लाठीचार्ज करना पड़ा। प्रदर्शन के दौरान पत्थर फेकें जाने के बाद पुलिस ने लाठी भांजी। वहीं दूसरी और कार्यकर्ताओं ने पत्थराव किए जाने से इंकार किया। प्रदेश सहसंगठन मंत्री मृदुल मिश्रा, नगर संगठन मंत्री सर्वम राठौर, प्रियंक शांडिल्य ने कहा किसी भी कार्यकर्ता द्वारा पत्थराव नहीं किया गया बल्कि कुछ पुलिस जवानों द्वारा महिला विंग की छात्राओं के बदसलूकी की गई उन्हें धक्का देकर गिराया गया जिससे कार्यकर्ता उत्तेजित हो गए।
महिला पुलिस कर्मी नहीं थी
मौजूद घटनास्थल पर कोई भी महिला पुलिस कर्मी मौजूद नही थी जिसके चलते जवानों द्वारा धक्का मुक्की की गई। एबीवीपी की प्रदेश छात्र प्रमुख सुमन यादव, छात्र विंग प्रमुख काजल केशरवानी ने बदस्लूकी, गाली गलौज के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि महिला कांस्टेबल मोनाली शुक्ला द्वारा अपशब्द कहे गए। पुलिस जवानों द्वारा उन्हें धक्का दिया गया जिससे कुछ छात्राओं को चोटे भी आई। ऋिषिका को घुटने में तो शिक्षा सिंह को कलाई में चोट आई। कई छात्राओं को अंदरुनी चोटे भी आई हैं।
संगठन मंत्री हुए बेहोश
पुलिस की लाठीचार्ज के दौरान संगठन मंत्री नीतिश को सिर में चोट लगने के कारण बेहोश हो गए। उन्हें साथी कार्यकर्ताओं द्वारा निजी अस्पताल ले जाया गया। सह संगठन मंत्री पर भी पुलिस ने डंडे बरसाए जिससे उनकी पीठ पर गहरे निशान और नील पड़ गई। इसके अलावा मंत्री लोकेश, विवि छात्र प्रमुख शुभांग गोटिया, प्रियंक शांडिल्य, सर्वम सिंह, अनुभव अग्रवाल, योगेंद्र आदि शामिल हैं। पहले इन्हें जामदार हास्पिटल ले जाया गया जहां बेड कम पड़ जाने के बाद विक्टोरिया अस्पताल भेजा गया।
सरकार के इशारे हुआ लाठी चार्ज: राकेश सिंह
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सासंद राकेश सिंह ने अपने बयान में कहा कि प्रदेश कांगे्रस की सरकार बनने के बाद से ही पुलिस प्रशासन द्वारा अलोकतांत्रिक ढंग से कार्यवाहियां की जा रही और जबलपुर में पुलिस द्वारा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं और छात्रों पर बर्बरता पूर्वक लाठी चार्ज करना पुलिस की द्वेषपूर्ण कार्यवाही है। लोकतांत्रिक ढंग से विरोध करने का अधिकार हर नागरिक को है और अभाविप के कार्यकर्ता भी शांति से अपना विरोध दर्ज कराने जा रहे थे जिन्हें अकारण ही रोककर पुलिस द्वारा लाठी चार्ज किया गया।

प्राध्यापकों को मिले सुरक्षा

इस मामले में शासकीय प्राध्यापक संघ घटना की निंदा करते हुए प्राध्यापकों को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है। संघ के जिलाध्यक्ष डॉ.अरुण शुक्ल, डॉ.टीआर नायडू,डॉ.शैलेंद्र श्रीवास्तव, इकाई अध्यक्ष डॉ.रवि कटारे ने प्रवेश प्रक्रिया के दौरान सभी महाविद्यालयों में स्टॉफ की सुरक्षा प्रदान करने की मांग प्रशासन से की है।

वर्जन-हम शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने ज्ञापन सौंपने पहुंचे थे लेकिन हमारे से साथ पुलस प्रशासन, जिला प्रशासन ने बर्बरता पूर्ण कार्रवाई कर लाठीचार्ज किया गया। इसमें करीब 15 कार्यकर्ता घायल हुए हैं। इस घटना का विद्यार्थी परिषद निंदा करती है।
-शुभांग गोंटिया, अभाविप विवि छात्र प्रमुख

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