महाराजपुर से तिलवाराघाट तक करीब २० किलोमीटर की सडक़ पर शहर के भीतर आने के लिए चार पांच मार्ग हैं। इन मार्गों में भोपाल, नागपुर सहित इलाहाबाद राजमार्ग शामिल हैं। इन चौराहों पर यातायात सुगम करने के लिए ब्रिज बना दिए गए हैं ताकि वाहनों की क्रॉसिंग में सुविधा हो और एक्सीडेंट की गुंजाइश ही नहीं रहे। इन ब्रिजों के दोनों ओर सर्विस लाइन बनाई गई है ताकि मार्ग बदलने वाले वाहन इन रास्तों से गुजर सके। इसमें मुख्य रोड पर ब्रिज के नीचे से रास्ता दिया गया है। इन जगहों पर अतिक्रमण और भारी वाहनों के जमावड़े से यातायात बाधित हो रहा है। एनएचआई के एजीएम पारस बंसल का कहना था कि हमने सडक़ और ब्रिज बना दी है। सर्विस रोड पर निगरानी करने का जिम्मा स्थानीय प्रशासन का है। स्थानीय प्रशासन के अधिकारी इस मामले में गोलमोल जवाब दे रहे हैं।
ब्रिज से लेकर रोड तक कब्जे – कटंगी, पाटन, भेड़ाघाट के ओवरब्रिज की हालत यह है कि यहां ब्रिज के नीचे से लेकर सर्विस रोड तक कब्जे पसर गए हैं। इन कब्जों की वजह से यहां अघोषित रूप से वाहनों की पार्र्किंग भी की जाती है।
ओवरब्रिज के एक हिस्से में वाहन- तीनों ओवरब्रिज की हालत यह है कि यहां ओवरब्रिज के एक हिस्से में भारी वाहनों का जमावड़ा रहता है। इससे यहां एक ही सडक़ से वाहनों का आवागमन हो रहा है, जबकि ओवरब्रिज में दो सडक़ दी गई थी, जिसमें सर्विस रोड से आने वाले वाहन आसानी से गुजर सके लेकिन हकीकत यह है कि यहां एक ही सडक़ से यातायात होने की वजह से सर्विस लेन से आने वाले वाहनों को ब्रिज पार करने में मुश्किल हो रही है।
सर्विस रोड पर वाहनों की कतार – सर्विस लाइन की हालत यह हो गई है कि यहां भारी वाहनों की कतार लगी रहती है। इससे सडक़ का एक हिस्से में पूरी तरह से कब्जा रहता है। यहां भारी वाहनों के साथ क्रेन आदि भी खड़ी रहती हैं। जानकारों का कहना है कि यहां सुबह से लेकर रात तक यही स्थिति रहती है। रात में भी कतार कम नहीं होती है, बल्कि यह और बढ़ जाती है, जो बायपास रोड तक पहुंच जाती है। इन वाहनों की कतार होने की वजह से बायपास से आने वाले वाहन चालक भ्रमित हो जाते हैं।