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MP elections news: चुनावी अदालत में कांग्रेस प्रत्याशी ने कुछ इस अंदाज में दिए जवाब, देखें लाइव वीडियो

locationजबलपुरPublished: Nov 18, 2018 09:31:09 pm

Submitted by:

Premshankar Tiwari

पत्रिका चुनावी अदालत में पेश हुए केंट क्षेत्र के कांग्रेस उम्मीदवार आलोक मिश्रा

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पत्रिका चुनावी अदालत में पेश हुए केंट क्षेत्र के कांग्रेस उम्मीदवार आलोक मिश्रा

जबलपुर। विधानसभा चुनाव को लेकर घमासान तेज हो गया है। द्वार-द्वार जाकर मतदाताओं को रिझाने का दौर जारी है। प्रमुख राजनीतिक दलों के दिग्गज अपने प्रत्याशियों के समर्थन में सभाएं कर रहे हैं। लोगों से अपने प्रत्याशी के पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं। केंट विधानसभा में भी यही परिदृश्य है। भाजपा से अशोक रोहाणी मैदान में हैं, वहीं उनके खिलाफ कांग्रेस से आलोक मिश्रा पूरे जोश खरोश से मैदान में जुटे हुए हैं। अपने दावों और वादों के बीच मतदाताओं से मेल-जोल का सिलसिला भी जारी है। हर प्रत्याशी जीत को लेकर आशान्वित है। पत्रिका ने चुनावी अदालत के माध्यम से केंट विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी आलोक मिश्रा के सवाल-जवाब किए तो उन्होंने अपनी बात कुछ इस अंदाज में रखी। देखिए इसके विशेष अंश –

सवाल – सिविल व डिफें स दोनों ही क्षेत्र हैं तो उनकी समस्याएं भी मिली जुली हैं, आपकी प्राथमिकता क्या होगी?
जवाब – जबलपुर का आधार कें ट विधानसभा है। 5 आर्डनेंस फ ैक्ट्री हैं, तीन विश्वविद्यालय इस क्षेत्र में हैं। कांग्रेस ने वीकल फै क्ट्री व जीआईएफ जबलपुर को दी। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से लेकर संभागीय कमिश्नर, कलेक्टर, एसपी इसी विधानसभा में रहते हैं। आज रोजगार की सबसे बड़ी समस्या है। फै क्ट्रियों से सेवानिवृत हुए कर्मचारियों के बच्चों को नौकरी नहीं मिल रही हैं। युवाओं को रोजगार के अवसर दिलाएंगे। बेरोजगारी के कारण जो अपराध भी तेजी से बढ़ रहे हैं। उन पर नियंत्रण के उपाय करेंगे।

सवाल – नशे का जो कारोबार बढ़ रहा है उस पर नियंत्रण के लिए क्या करेंगे?
जवाब – मैं ऐसे कारोबारियों को प्रश्रय नहीं देता हूं, ऐसा करने वालों पर नकेल कसे इसके लिए आवाज उठाउंगा।

सवाल – नर्मदा कें ट विधानसभा क्षेत्र से ही नर्मदा शहर की सीमा में प्रवेश करती है, वहां रेत का अवैध उत्खनन बड़ी समस्या रही है, इस पर नके ल कसने के लिए क्या करेंगे?
जवाब – नर्मदा से रेत का अवैध निराकरण बंद हो इसके लिए राजनीतिक दलों को एक मत होकर अवैध उत्खनन करने वालों को प्रश्रय देना बंद करना होगा। इसके लिए भी प्रमुखता से आवाज उठाएंगे।

सवाल – ईओडब्ल्लृ में आफ के खिलाफ शिकायत है, जिसका उल्लेख निर्वाचन प्रपत्र में भी किया है, मामले में जानकारी देंगे?
जवाब – उक्त मामला जमीन से जुड़ा है, जो मदनमहल क्षेत्र में है। जमीन भाटिया नाम के व्यक्ति की थी। बैंक ऑफ बड़ौदा से उसमें नीलामी हुई। तीन बार टेंडर हुए। पहले और दूसरे बार मैं नहीं गया, तीसरी बार टेंडर भर दिया। जमीन की जो ऑफसेट बोली थी उससे कुछ ज्यादा राशि भरकर दे दिया, क्योंकि पहले की राशि पर पिछली दो बार टेंडर निरस्त हो चुके थे। इसके बाद एमएल भाटिया मेरे पास आया और बोला मेरी इज्जत की बात है। एक पुलिस अधिकारी ने भी कहा कि उनका भी उक्त जमीन में कुछ हित है इसलिए जमीन न लें। तब तक 10 लाख जमा हो चुके थे। मैने उन्हें लिखकर दे दिया कि ठीक है आप ले लें। लेकिन उनकी ओर से कोई पहल नहीं हुई। मुझे 20 लाख रुपए बैंक में और जमा करने पड़े। इसके बाद फिर उनके द्वारा संपर्क किया गया, लेकिन उनके द्वारा कोई पहल नहीं हुई। इसके बाद मेरे नाम पर उक्त जमीन की रजिस्ट्री हुई।

सवाल – आप छात्र नेता भी रहे हैं, लेकिन रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की ऐसी छवि है कि यहां से डिग्री हासिल करने वाले को नौकरी मिलना मुश्किल है, कैसे आप इस स्थिति में बदलाव लाने आपके पास क्या रोडमैप है?
जवाब – मैं हमेशा विश्वविद्यालय की आवाज सबसे पहले उठाता हूं। मुख्यमंत्री से लेकर शिक्षा मंत्री को पत्र लिखे पर सुनवाई नहीं हुई। विश्वविद्यालय को 157 शिक्षक चाहिए, जहां केवल 49 शिक्षक हैं। बांकी ठेके पर पढ़ा रहे हैं। इसके लिए जनप्रतिनिधि सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। दुर्भाग्य है कि हमें अवसर नहीं मिल सका। क्षेत्रीय विधायक, सांसद ने विश्वविद्यालय को अपग्रेड कराने कभी प्रयास नहीं किए। जबकि शिक्षा के लिहाज से पुराना समय जबलपुर में स्वर्णिम रहा है। यहां आचार्य रजनीश, महर्षि महेश योगी जैसे शिक्षक रहे हैं। आज कृषि विश्वविद्यालय में भी पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं। देश के ख्यातिलब्ध इंजीनियरिंग कॉलेजों में शुमार रहे जेईसी में गुणवत्ता पहले जैसी नहीं रही।

सवाल – राझी क्षेत्र शहर से अलग-थलग, पिछड़ा, बेजार है, इसकी तकदारी बदलने क्या प्लान है?
जवाब – ये प्रश्न मेरे दिल में ज्वाला की तरह भडक़ता है। विधानसभा का प्रतिनिधित्व करने वाले वाले पूर्व विधायक ईश्वरदास रोहाणी यहीं से चुनकर 10 वर्ष तक विधानसभा अध्यक्ष रहे। उन्हें विकास पुरुष बताया गया, लेकिन क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहा है। जबकि कें ट विधानसभा के ज्यादातर क्षेत्र में डिफें स व कें टोन्मेंट बोर्ड के द्वारा विकास किया जाता है। बाकी के जो वार्ड हैं उनकी संख्या कम है, फिर भी विकास नहीं हो सका। अगर मुझे अवसर मिला तो पांच साल में कें ट विधानसभा को समृद्ध कर दूंगा।

सवाल – कांग्रेस जब सत्ता में थी तो संभावनाओं से भरे इस पुराने शहर में विकास की इबारत क्यों नहीं लिखी?
जवाब – कें ट में कांग्रेस ने दो विश्वविद्यालय बनाए। हाईकोर्ट भी स्थापित किया। वीकल फै क्ट्री व जीआईएफ फैक्ट्री स्थापित की। लेकिन बाद के दौर में भाजपा सत्ता में रही और विकास की ओर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया गया। जबलपुर के विकास के लिए जवाहरलाल नेहरू अरबन रिन्यूवेबल मिशन के तहत 2200 करोड़ रुपए दिए गए। लेकिन दुर्भाग्य था कि सत्ता में काबिज लोगों ने राशि का बंदरबांट किया और शहर पिछड़ता गया।

सवाल – कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में विधान परिषद् का उल्लेख किया है। विधान परिषद् का संचालन जबलपुर से हो इसके लिए क्या प्रयास करेंगे? क्योंकि जबलपुर के साथ हमेशा भेदभाव हुआ है?
जवाब – इसके लिए हर स्तर पर प्रयास करेंगे, ताकि जबलपुर को उसका हक मिल सके।