जबलपुरPublished: Jun 27, 2020 12:53:45 am
santosh singh
जल संसाधन विभाग में कार्यपालन यंत्री रहते हुए 30 करोड़ की बेनामी सम्पत्ति बनाने के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं…
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जबलपुर . जल संसाधन विभाग में कार्यपालन यंत्री रहते हुए 30 करोड़ की बेनामी सम्पत्ति बनाने के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। गुरुवार को जबलपुर में ईओडब्ल्यू टीम जयंती कॉम्प्लेक्स स्थिति बैंक पहुंची। सूत्रों के अनुसार यहां उसके लॉकर को सील किया गया। लॉकर में रखे जेवर व नकदी आदि पहले ही ईओडब्ल्यू इनकम टैक्स में जमा करा चुकी है। अभी कुछ वाहन परिवार के पास ही हैं, उसे भी जब्त कर केंट थाने में खड़ा कराया जाएगा। जबकि बहू और बेटे के बयान भी दर्ज होने हैं। वहीं उसकी और सम्पत्तियों की मिली जानकारी की पुष्टि के लिए भी एक टीम लगाई गई है। एसपी नीरज सोनी ने बताया कि प्रकरण में हर सूचना की तस्दीक कराई जा रही है।
पहली शिकायत वर्ष 1997 में हुई थी
जानकारों के अनुसार कोदू प्रसाद तिवारी अपने ही बुने जाल में फंस गया है। तिवारी के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति की पहली शिकायत 1997 में हुई थी। नौकरी में रहते हुए कोदू प्रसाद ने जांच से बचने के लिए अपनी सम्पत्ति रिश्तेदारों के नाम कर दी थी। 2011 में रिटायर्ड होने पर रिश्तेदारों से सम्पत्ति मांगी तो वे देने से मुकर गए। इस पर वह कोर्ट पहुंच गया। इसी के बाद 2014-15 में फिर शिकायत हुई और करोड़ों की बेनामी सम्पत्ति का खुलासा हुआ।
रिश्तेदारों के नाम कर ईओडब्ल्यू में हलफनामा पेश कर दिया
वर्ष 1990 से 2011 के दौरान जल संसाधन विभाग में पदस्थ केपी तिवारी ने जमकर भ्रष्टाचार कर पैसे बटोरे। वह 1997 में ही ईओडब्ल्यू की रडार पर आ गया था। आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। अधिकारियों ने सम्पत्तियों का ब्यौरा मांगा तो केपी ने आय से अधिक सम्पत्तियां रिश्तेदारों के नाम कर ईओडब्ल्यू में हलफनामा पेश कर दिया था। इसके चलते तब वह बच गया था।
कोर्ट का हलफनामा, ईओडब्ल्यू को सौंपा
रिटायर होने पर केपी ने 2011 में रिश्तेदारों से सम्पत्ति मांगी। मुकरने पर हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे और वहां अपनी सम्पत्ति होने का दावा पेश कर दिया। बाद में शिकायतकर्ता ने इसी दावे का प्रमाण ईओडब्ल्यू में पेश कर फिर से शिकायत दर्ज करा दी। हालांकि रिश्तेदारों की बजाय रामदेव शर्मा नामक व्यक्ति शिकायतकर्ता के रूप में सामने आया। 30 करोड़ की बेनामी सम्पत्ति विशेष कोर्ट से कुर्की का आदेश जारी होने के बाद ईओडब्ल्यू ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है।