जबलपुर पुलिस के अनुसार प्रकाशचंद जैन 15 मई 2018 को तिलवाराघाट के छोटे पुल पर बेहोशी की हालत में मिले थे। उन्हें मेडिकल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। पीएम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं होने पर विसरा प्रिजर्व कर एफएसएल सागर भेजा गया। 27 मई को प्रकाशचंद जैन के बेटे निशांत जैन ने तीन पेज का सुसाइड नोट पुलिस से जब्त कराया। हैंडराइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट के मुताबिक सुसाइड नोट प्रकाशचंद जैन ने ही लिखा था। सागर एफएसएल की विसरा रिपोर्ट में बताया गया कि मृत्यु विष के कारण नहीं हुई थी। अभिमत में बताया गया कि मृत्यु का कारण हृदय रोग और दाहिने फेफड़े में मवाद के चलते होना प्रतीत होता है।
प्रकाशचंद ने सुसाइड नोट में लिखा था कि उन्होंने गोविंद पटेल से 53 हजार रुपए लिए थे। अधिवक्ता से 100 रुपए के स्टाम्प पर नोटरी भी कराया था। गोविंद पैसों को लेकर उन्हें धमकी दे रहा था। तिलवारा पुलिस ने शुक्रवार को गढ़ा वार्ड झंडा चौक निवासी गोविंद पटेल के खिलाफ धारा 306 का प्रकरण दर्ज किया। परिजन का आरोप है कि पुलिस की सुस्त जांच प्रणाली के चलते केस दर्ज करने में इतना समय लगा। यदि सही ढंग से जांच की गई होती, तो मामला दर्ज होने में इतना समय नहीं लगता।