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कान्हा जा रही इंग्लैंड की लेडी टूरिस्ट का वाहन रोका, फिर ले गए यहां, और हुआ ये

locationजबलपुरPublished: Apr 20, 2019 06:29:12 pm

Submitted by:

virendra rajak

आमजन भी परेशान

England's Lady Tourist going to Kanha

England’s Lady Tourist going to Kanha

विदेशी पर्यटक ने कलेक्टर से बात की, तो छूटा वाहन

जबलपुर, इंग्लैंड निवासी जॉन एलियट अपनी दिल्ली निवासी दोस्त बेलिंडा राइट के साथ कान्हा नेशनल पार्क घूमने जा रहीं थीं। वे फ्लाइट से जबलपुर एयरपोर्ट पहुंची। उन्होंने पहले से वाहन बुक किया था। वे एयरपोर्ट पर पहुंची और बुक वाहन के ड्राइवर को फोन किया, तो पता चला कि उनका वाहन अधिग्रहित कर लिया गया है। यह बात सुनकर जॉन एलियट और बेङ्क्षलडा नाराज हुए, कैब बुक की और वे सीधे कलेक्ट्रेट पहुंच गए। जहां कलेक्टर को पूरी बात बताई। कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी छवि भारद्वाज ने उनकी बात सुनी। जिसके बाद उनका वाहन कलेक्टर ने मुक्त कराया।
कुल छोटे वाहनों की आवश्यकता:-160
अधिग्रहित किए जा चुके वाहन:-105
आवश्यकता है:- 55

चुनाव में वाहनों के अधिग्रहरण की आड़ में आरटीओ की टीम ने शहर की सड़कों और विभिन्न संस्थानों में शनिवार को जो मनमानी की, उससे आम आदमी तो परेशान हुआ ही, इंग्लैंड से आए विदेशी पर्यटकों तक को परेशानी झेलनी पड़ी। चुनाव ड्यूटी के लिए वाहनों का अधिग्रहण पिछले कई दिनों से चल रहा था, लेकिन शनिवार को एकाएक आरटीओ और उनकी टीम सड़क पर निकल आई। जिस वाहन पर भी नजर पड़ी, उसे अधिग्रहण की बात कहकर कलेक्ट्रेट भेज दिया गया। इस दौरान किसी की बात नहीं सुनी गई।

बीच सड़क पर रोका वाहन
इधर मॉडल रोड पर आरटीओ संतोष पॉल और उनकी टीम सुबह से तैनात हो गए। इस दौरान यहां से जो भी चार पहिया वाहन निकला, उसे रोक लिया गया। न तो चालक की बात सुनी गई और न ही दस्तावेज जांचे गए। सीधे उसे वाहन में होमगार्ड जवान को बैठाया गया और सीधे कलेक्ट्रेट भेज दिया गया। इस कार्रवाई को लेकर मॉडल रोड पर अफरा-तफरी का माहौल था।
ये मामले भी आए
केस:- 01
स्थान:- एयरपोर्ट
मामला:- एमपी 20 टी 7579 सुबह पैसेंजर लेने एयरपोर्ट गया था। जहां आरटीओ की टीम पहुंची और वाहन को सीधे कलेक्ट्रेट ले गई। वाहन मालिक सचिन गुप्ता वहां पहुंचे, तो किसी ने नहीं सुनी। सचिन ने बताया कि उनका वाहन प्रायवेट है, अधिग्रहण के पूर्व भी इसकी कोई जानकारी उन्हें नहीं दी गई। जिस कारण फ्लाइट से आए उनके पैसेंजरों को परेशान होना पड़ा।
केस:- 01
स्थान:- शक्तिभवन
मामला:-बैतूल के सारणी से प्रमोद सूर्यवंशी डाक विभाग के कर्मचारी के साथ डाक लेकर जबलपुर आया। वह जिस वाहन में आया, वह डाकघर में लगा था, इसके बावजूद आरटीओ की टीम ने प्रमोद की बात नहीं सुनी और उसके वाहन को सीधे कलेक्ट्रेट भेज दिया। जबकि प्रमोद का वाहन दूसरे जिले के आरटीओ में रजिस्टर्ड है। प्रमोद कलेक्ट्रेट में परेशान होता रहा।
केस:- 02
स्थान:- खमरिया
मामला:-एमपी 20 टी 8739 का ड्राइवर यात्रियों को लेकर डिंडौरी जा रहा था। इस वाहन को भी टीम ने रोका और यात्रियों को बीच सड़क उतार दिया। ड्राइवर की एक नहीं सुनी और सीधे वाहन को कलेक्ट्रेट भेज दिया गया। यहां ड्राइवर अफसरों के चक्कर काटकर बताता रहा कि वह गाड़ी अन्य कार्य भी करती है, लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी।

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