जबलपुर शहर में स्थिति
अस्पताल : ऑक्सीजन बेड : आइसीयू बेड
मेडिकल : 150 से बढ़कर 400 : 64 से बढ़कर 124
विक्टोरिया : 30 से बढ़कर 64 : 4 से बढ़कर- 15
प्राइवेट : : 160 से बढ़कर 350 : 60 से बढ़कर 140
जानकारों की सलाह-ढिलाई पड़ेगी भारी, सावधानी रखें
– घर से बाहर निकलने पर नाक-मुंह को मास्क से अच्छे से ढंके।
– कपड़े का थ्री लेयर वाला मास्क ऐसा हो कि उसमें छिद्र ना हो।
– 10 वर्ष से छोटे और 60 वर्ष से ज्यादा आयु वाले घर में रहे।
– गम्भीर बीमारी, बीपी, डायबिटीज के मरीज रूटीन जांच कराते रहे।
– दूसरे व्यक्ति से दो गज की दूरी रखें। भीड़ वाली जगह में ना जाएं।
– दुकान, कार्यालय में जहां चार से ज्यादा लोग हो फेस शील्ड पहनें।
– बार-बार हाथ धोएं। घर लौटने पर पहले स्वयं को सेनेटाइज करें।
आधुनिक उपकरणों ने आसान किया काम
कोरोना संक्रमण फैलाव के दौरान सरकारी और निजी क्षेत्र के अस्पतालों ने तेजी से आधुनिक उपकरणों को जुटाने पर काम किया। कोविड टेस्ट के लिए ट्रूनेट मशीन से लेकर वायरोलॉजी लैब बनने से कई प्रकार की संक्रामक बीमारियों की जांच के लिए शहर तैयार हो गया है। वेंटीलेटर्स बढऩे से भविष्य में अन्य गम्भीर मरीजों का उपचार आसान होगा। इसके अलावा मल्टी पैरा मॉनीटर, इन्फ्यूजन पंप, वायपेप मास्क, हाई फ्लो नेजल कैनुला, 3 इटीओ स्टरलाइजेशन जैसे उपकरणों से मरीजों की निगरानी और हाइजीन बढ़ा है। फीवर क्लीनिक और अस्पतालों में प्रवेश-निर्गम द्वार के रास्तों में बदलाव ने संक्रामक बीमारियों से बचाव करते हुए जांच का नया सिस्टम विकसित करने में मदद की है।