सीबीआई ने दर्ज किया था प्रकरण
जीसीएफ में शर्तों के विपरीत सुरेका इंटरनेशनल कानपुर और इंडिया सप्लाई एंड एक्सपोर्ट ने अधिकारियों से मिलीभगत कर घटिया कैनवास कॉटन सप्लाई किया था। वर्ष 1998 में हुए इस घोटाले में अधिकारियों ने फर्म को टेंडर प्राप्त करने में भी मदद की थी। आरोप है कि लैब द्वारा की गई जांच में कॉटन घटिया पाए जाने की रिपोर्ट आने के बावजूद दोनों अधिकारियों ने ठेकेदारों को 1 करोड़ 57 लाख रुपए का भुगतान कर दिया। इसकी कुछ राशि तो कॉटन की आपूर्ति के पहले ही जारी कर दी गई थी। सवा करोड़ रुपए के लगभग इस घोटाले में सीबीआई ने प्रकरण पंजीबद्ध किया था।
इनकी संलिप्तता जांच में उजागर
सीबीआई ने मामले की जांच के बाद जीसीएफ में सीनियर मैनेजर रह चुके और वर्तमान में विश्वास खंड गोमती नगर लखनऊ निवासी इंदू प्रकाश मिश्रा सहित मौजूदा डिप्टी जीएम गिरजेश माथुर, मेसर्स सुरेका इंटरनेशन फर्म में पार्टनर अशोक कुमार सुरेका और मेसर्स इंडिया सप्लाई एंड एक्सपोर्ट के डायरेक्टर महेश सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी, साजिश रचने, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, पद के दुरुपयोग सहित विभिन्न धाराओं में विशेष न्यायालय में चालान पेश किया था। चारों वर्तमान में केंद्रीय कारागार में निरुद्ध चल रहे हैं।