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धनुष बनाने वाली गन कैरेज फैक्ट्री के Retd GM, DGM की जेल में कटेगी आगे की जिंदगी, इस मामले में दोषी करार

locationजबलपुरPublished: Mar 10, 2018 08:13:21 am

Submitted by:

Premshankar Tiwari

रिटायर्ड सीनियर जनरल मैनेजर इंदु प्रकाश मिश्रा और तत्कालीन डिप्टी जीएम गिरजेश माथुर फिलहाल कानपुर में है डीजीएम

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जबलपुर। देसी बोफोर्स बनाकर तहलका मचाने वाली गन कैरेज फैक्ट्री एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बात बार मामला फैक्ट्री में हुए एक और बड़े घोटाले से जुड़ा है। जिसमें सीबीआई की स्पेशल जज माया विश्वलाल की कोर्ट ने शुक्रवार को जीसीएफ (गन कैरिज फैक्ट्री) के पूर्व सीनियर जीएम, डिप्टी जीएम सहित ४ लोगों को ७-सात साल की जेल और एक-एक लाख रुपए अर्थदंड से दंडित किया। चारों पर घटिया कैनवास कॉटन सप्लाई करने वाली फर्म के साथ खुद को आर्थिक फायदा पहुंचाने और फर्जी रिपोर्ट बनाने का आरोप था। चार में से तत्कालीन डिप्टी जीएम गिरजेश माथुर फिलहाल कानपुर में डीजीएम के पद पर पदस्थ है।

सीबीआई ने दर्ज किया था प्रकरण
जीसीएफ में शर्तों के विपरीत सुरेका इंटरनेशनल कानपुर और इंडिया सप्लाई एंड एक्सपोर्ट ने अधिकारियों से मिलीभगत कर घटिया कैनवास कॉटन सप्लाई किया था। वर्ष 1998 में हुए इस घोटाले में अधिकारियों ने फर्म को टेंडर प्राप्त करने में भी मदद की थी। आरोप है कि लैब द्वारा की गई जांच में कॉटन घटिया पाए जाने की रिपोर्ट आने के बावजूद दोनों अधिकारियों ने ठेकेदारों को 1 करोड़ 57 लाख रुपए का भुगतान कर दिया। इसकी कुछ राशि तो कॉटन की आपूर्ति के पहले ही जारी कर दी गई थी। सवा करोड़ रुपए के लगभग इस घोटाले में सीबीआई ने प्रकरण पंजीबद्ध किया था।

इनकी संलिप्तता जांच में उजागर
सीबीआई ने मामले की जांच के बाद जीसीएफ में सीनियर मैनेजर रह चुके और वर्तमान में विश्वास खंड गोमती नगर लखनऊ निवासी इंदू प्रकाश मिश्रा सहित मौजूदा डिप्टी जीएम गिरजेश माथुर, मेसर्स सुरेका इंटरनेशन फर्म में पार्टनर अशोक कुमार सुरेका और मेसर्स इंडिया सप्लाई एंड एक्सपोर्ट के डायरेक्टर महेश सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी, साजिश रचने, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, पद के दुरुपयोग सहित विभिन्न धाराओं में विशेष न्यायालय में चालान पेश किया था। चारों वर्तमान में केंद्रीय कारागार में निरुद्ध चल रहे हैं।

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