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सीबीआई कोर्ट ने बैंक मैनेजर को 4 साल के लिए भेजा जेल, किया था ये काम

locationजबलपुरPublished: Dec 30, 2017 08:56:12 am

Submitted by:

deepankar roy

कोर्ट ने कहा- कैं सर की तरह बढ़ रहा भ्रष्टाचार

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CBI Court ordered four year jail term for central bank manager in MP

जबलपुर। लोन केस में उपभोक्ता से कमीशन मांगने वाले एक बैंक मैनेजर को अब खुद जुर्माना भरना होगा। साथ ही चार साल तक जेल में रहना पड़ेगा। सीबीआई कोर्ट ने भ्रष्टाचार के एक मामले में सेंट्रल बैंक के पूर्व मैनेजर मुकुट सिंह पर आरोप तय कर दिए है। कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद मैनेजर को रिश्वत लेने का दोषी करार दिया गया है। सीबीआई की विशेष अदालत ने उसे चार साल सश्रम कारावास के साथ ही अर्थदंड की सजा सुनाई है।

ट्रेक्टर खरीदने वाले शिक्षक ने की थी शिकायत
सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक की ओर से कोर्ट को बताया गया कि २५ जनवरी २०१३ को कान्हीवाड़ा जिला सिवनी निवासी शिक्षक जकरिया खान ने शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता ने ट्रैक्टर खरीदने के लिए ३.९ लाख रुपए व पत्नी के नाम से 1.5 पर्सनल लोन के लिए कान्हीवाड़ा सेंट्रल बैंक में आवेदन दिया। लेकिन, बैंक मैनेजर मुकुट सिंह ने यह आवेदन स्वीकृत नहीं किया। पूछताछ करने पर सिंह ने परसेंटेज की बात की।

रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार हुआ था मैनेजर
शिक्षक जकरिया खान ने बैंक मैनेजर के साथ पर्सनल लोन के संबंध में मांगे जा रहे पर्सेंटेज की बातचीत का रिकॉर्ड कर लिया। बातचीत की रिकॉर्डिंग सीबीआई के समक्ष शिकायत के साथ पेश की गई। इस पर सीबीआई की टीम ने 15 फरवरी 2013 को योजनाबद्ध तरीके से छापा मारकर आरोपी बैंक मैनेजर को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया।

आरोपी जिम्मेदार अधिकारी था
एडीजे माया विश्वलाल की कोर्ट ने सेंट्रल बैंक के पूर्व मैनेजर से संबंधित इस मामले की सुनवाई की। सीबीआई की विशेष अदालत ने कहा कि भ्रष्टचार समाज में कैंसर की तरह बढ़ रहा है, जो राष्ट्र के आर्थिक ताने-बानंे को नष्ट कर रहा है। इसी के साथ सिवनी जिला निवासी सेंट्रल बैक के पूर्व मैनेजर को रिश्वत लेने का दोषी करार दिया। कोर्ट ने कहा कि आरोपी पढ़ा-लिखा, जिम्मेदार अधिकारी था। लिहाजा यह महत्वहीन है कि उसका आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।

ये मिली सजा
अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपी मुकुट सिंह को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 13 (2) के तहत दोषसिद्ध करार दिया। कोर्ट ने उसे चार साल सश्रम कारावास की सजा के साथ दस हजार रुपए अर्थदंड से भी दंडित किया।

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