सीबीआई सूत्रों के मुताबिक गाडरवारा स्थित एनटीपीसी पावर प्लांट का निर्माण नवम्बर २०१३ में शुरू हुआ था। ३२०० मेगावाट क्षमता वाले इस प्लांट में१६०० मेगावाट वाली पहली ईकाई का निर्माण चल रहा है। इसके लिए स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) से टीएमटी स्टील बार (सरिया) मंगाया जा रहा है। जिसे एनटीपीसी के स्टोर में रखा जाता है। इसे जरूरत के अनुसार कार्यस्थल पर भेजा जाता है। सीबीआई की अब तक की जांच में सेल की तरफ से की गई सप्लाई और स्टोर्स से कार्यस्थल को भेजे गए टीएमटी स्टीर बार के मिलान में ९० ट्रक (१८०० मिट्रिक टन) माल कम मिला है।
कम्पनी एक्ट और एनटीपीसी मैन्युअल के अनुसार स्टोर की हर साल थर्ड पार्टी ऑडिट करानी होती है। २०१५-१६ में दिल्ली की फर्म थर्ड पार्टी के तौर पर ऑडिट करने पहुंची थी। उस समय डीजीएम धर्मवीर सिंह गौड़ स्टोर इंचार्ज के पद पर तैनात थे। गंगासागर यादव अस्टिेंट जनरल मैनेजर एवं हेड ऑफ डिपार्टमेंटल एंड मटेरियल स्टोर्स हैं। गंगासागर ने ऑडिट करने आयी फर्म को स्टोर के रिकॉर्ड का वेरिफिकेशन करने से रोक दिया था। उन्होंने रिकॉर्ड सही होने का प्रमाण-पत्र दे दिया था। २०१६-१७ में भोपाल की थर्ड पार्टी फर्म ऑडिट करने पहुंची तो स्टोर्स के रिकॉर्ड की जांच में सरिया घोटाला पकड़ा गया। इसके आधार पर एनटीपीसी की विजिलेंस टीम ने मामले की जांच की तो घोटाले की पुष्टि हुई। इसके बाद एनटीपीसी की तरफ से सीबीआई जांच की सिफारिश की गई।
चार दिसम्बर को जबलपुर सीबीआई की टीम ने एक साथ डीजीएम एवं स्टोर इंचार्ज गंजेंद्र सिंह बंडी के गाडरवारा स्थित घर व कार्यालय, एजीएम गंगा सागर यादव के भोपाल स्थित घर और कार्यालय के साथ गाडरवारा स्थित गेस्ट हाउस, जहां वे रह रहे हैं। इसके अलावा रिटायर हो चुके तत्कालीन डीजीएम एवं स्टोर इंचार्ज धर्मवीर सिंह गौड़ के अलीगढ़ स्थित घर पर भी दबिश दी। सीबीआई की जांच जारी है।
– घोटाले में आरोपियों के घर व कार्यालय से प्रॉपर्टी, स्टॉक रिकॉर्ड रजिस्टर, रिसीविंग रजिस्टर्ड सहित अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं। तीनों आरोपितों के खिलाफ शासकीय पद के दुरुपयोग, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, अमानत में खयानत और साजिश रचने की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जा रही है।
पीके पांडे, एसपी, सीबीआई, जबलपुर