इ-वे बिल की जांच में गड़बड़ी पर एजेंसियों की नजर, सीबीआइ ने उठाया यह कदम
सीबीआई टै्रप कर सकती है

जबलपुर. इ-वे बिल की जांच में गड़बड़ी पर प्रदेश सरकार से जुडे़ कर्मचारियों पर केंद्र से जुड़ी जांच एजेंसियां भी नजर रख सकती हैं। जांच एजेंसियां सीबीआई और सीवीसी आमतौर पर केंद्र सरकार के कार्यालयों में होने वाले भ्रष्टाचार की जांच करती हैं, लेकिन अब राज्य सरकार का वाणिज्यिक विभाग स्टेट जीएसटी के साथ सेंट्रल जीएसटी भी जमा करा रहा है। ऐसे में वह भी जांच के दायरे में आ सकते हैं। हालांकि अभी इस सम्बंध में कोई नियम नहीं आया है।
बता दें कि ५० हजार रुपए से अधिक मूल्य का माल राज्य के बाहर से मंगाने और भेजने वाले कारोबारी को इ-वे बिल जारी करना अनिवार्य है। ११ प्रमुख वस्तुओं को एक जिले से दूसरे जिले में भेजने पर भी इ-वे बिल जरूरी है। यदि कोई कारोबारी या ट्रांसपोर्टर इ-वे बिल के बिना माल का परिवहन करता है तो इसकी जांच राज्य सरकार के वाणिज्यिक कर विभाग के एंटी इवेजन ब्यूरो के अधिकारी कर सकते हैं। यही अधिकार सेंट्रल जीएसटी आयुक्तालय को है।
जानकारों के अनुसार, यदि सेंट्रल जीएसटी का कोई अधिकारी-कर्मचारी गड़बड़ी करता है तो उसे सीबीआई टै्रप कर सकती है। चूंकि राज्य सरकार के कर्मचारी भी केंद्र का टैक्स जमाकरने के साथ ही इ-वे बिल की जांच भी कर रहे हैं। एेसे में उनके कथित भ्रष्टाचार पर सीबीआई नजर रख सकती है।
कोई स्पष्ट नियम नहीं आए
इस सम्बंध में सीबीआई एसपी पीके पांडे का कहना है कि नजर रखी जा सकती है, लेकिन इस संबंध में कोई स्पष्ट नियम नहीं आए हैं। विभाग सेंट्रल जीएसटी विभाग से जुडे़ लोगों द्वारा किए जाने वाले भ्रष्टाचार पर कार्रवाई कर सकता है। यदि जीएसटी या इ-वे बिल से सम्बंधित राज्य सरकार के कर्मचारी की शिकायत आती है तो उस पर सीधे तौर पर कार्रवाई के अधिकृत नहीं हैं। सम्बंधित विभाग को जानकारी देकर कार्रवाई की जा सकती है।
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