बता दें कि इससे पहले ऐसे बच्चों की शिक्षा व पालन पोषण के लिए केंद्र सरकार ने पहल करते हुए उन्हें 10 लाख रुपये की तक की सहायता राशि देने की घोषणा कर चुकी है। इसके तहत पात्र बच्चों के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी है। उसके बाद अब सीबीएसई का ये निर्णय उन बच्चों के भविष्य को लेकर बड़ा कदम है जो कोरोना काल अपने माता-पिता को खो चुके हैं। सीबीएसई बोर्ड की ये सुविधा शिक्षा सत्र 2021-22 के लिए मुहैया कराई है। सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। सीबीएसई बोर्ड ने अब स्कूलों से ऐसे विद्यार्थियों की सूची मांगी है। ऐसे में इस सुविधा का लाभ पाने के पात्र विद्यार्थियों को आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे।
बता दें कि सीबीएसई बोर्ड की पांच विषयों की परीक्षा के लिए लगभग 1500 रुपये शुल्क लिया जाता है। आरिक्षत वर्ग के विद्यार्थियों के लिए शुल्क में नियमानुसार रियायत का प्रावधान है। सीबीएसई के बोर्ड फीस को लेकर जारी गाइडलाइन के संबंध में स्कूल प्रबंधन भी खुश है कि कोरोना महामारी के संकट के वक्त अपने अभिभावकों को खोने वाले विद्यार्थियों के लिए यह बड़ी राहत होगी।
बता दें कि इससे पहले सीबीएसई बोर्ड चालू शिक्षा सत्र की परीक्षा का नया शेड्यूल भी जारी कर चुका है जिसके तहत वार्षिक परीक्षा दो बार में होनी है। इसके तहत पहली परीक्षा नवंबर -दिसंबर में प्रस्तावित है। ऐसे में सभी स्कूल प्रशासन को 30 सितंबर तक सारी जानकारी बोर्ड को भेजनी है।