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आयुर्वेद कॉलेजों के मान्यता नियम में बड़ा बदलाव

locationजबलपुरPublished: Feb 12, 2019 12:21:47 am

Submitted by:

deepankar roy

सीसीआइएम का काम अब सिर्फ जांच के बाद केंद्रीय आयुष मंत्रालय को पहुंचाने तक सीमित

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जबलपुर. केंद्र सरकार ने सरकारी और प्राइवेट आयुर्वेद कॉलेजों के मान्यता नियम को लेकर बड़ा बदलाव किया है। सरकारी और निजी आयुर्वेद कॉलेजों की बेसिक डिटेल का डिजीटल डाटा तैयार होगा। इसमें उनकी बुनियादी संरचना, सुविधा और स्टाफ की जानकारी होगी। इसके बाद एक क्लिक पर आयुष मंत्रालय देश के किसी भी आयुर्वेद कॉलेज का ब्योरा जांच सकेगा। इस कवायद में सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (सीसीआइएम) ने कॉलेजों को उनके यहां काम करने वाले शिक्षकों, मेडिकल ऑफिसरों और पैरामेडिकल स्टाफ की जानकारी भी कम्प्यूटराइज्ड डाटा फॉर्म में भेजने के निर्देश जारी किए हैं। नई व्यवस्था के बाद कॉलेज गलत जानकारी देकर मान्यता हासिल नहीं कर सकेंगे।

14 फरवरी तक का समय-

सीसीआइएम ने सत्र 2019-20 के लिए मान्यता प्राप्त करने वाले कॉलेजों को कम्प्यूटराज्ड डाटा के रुप में वर्किंग स्टाफ की फाइल पेश करने के निर्देश दिए हैं। यह जानकारी १४ फरवरी तक सीसीआइएम को भेजना होगी। यह व्यवस्था यूनानी, सिद्धा, योगा एवं प्राकृतिक चिकित्सा संस्थानों पर भी लागू होगी।

सिर्फ रिपोर्ट देने तक सीमित-

आयुर्वेद कॉलेजों की मान्यता पर अंतिम निर्णय का अधिकार भी अब केंद्रीय आयुष मंत्रालय के पास सीमित हो गया है। सूत्रों के अनुसार नई व्यवस्था में सीसीआइएम का काम केवल कॉलेजों की जांच करके रिपोर्ट मंत्रालय को प्रेषित करने का होगा। यह रिपोर्ट भी ऑनलाइन प्रस्तुत होगी।

सत्र भी समय से प्रारंभ हो सकेगा-

आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राकेश पांडेय के अनुसार आयुष कॉलेजों की जानकारी ऑनलाइन होने और सीसीआइएम निरीक्षण की गोपनीय रिपोर्ट ऑनलाइन भेजने से समय की बचत होगी। आयुष कॉलेजों की मान्यताओं पर भी शीघ्र निर्णय सम्भव होगा। इससे नीट काउंसलिंग समय पर होगी। छात्रों का सत्र भी समय से प्रारम्भ हो सकेगा।

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